जानें क्या होता हैं लंग्स कैंसर किस स्टेज तक बच सकती हैं आपकी जान…
अभिनेता संजय दत्त को फेफड़ों का कैंसर हुआ है। ताजा खबर यह है कि स्टेज 3 लंग कैंसर के इलाज के लिए अभिनेता को मुंबई से अमेरिका ले जाया जाएगा। बीमारी के कारण उन्होंने अपने सभी प्रोजेक्ट रोक दिए हैं। बता दें, lung Cancer के पांच चरण होते हैं, स्टेज 0, स्टेज 1, स्टेज 2, स्टेज 3 और स्टेज 4. संजय दत्त को स्टेज 3 का कैंसर बताया गया है, जिसका अर्थ है कि कैंसर फेफड़ों से निकलकर शरीर के दूसरे अंगों में फैलने लगा है। जानिए क्यों होता है फेफड़ों का कैंसर, इसके अलग-अलग चरणों का क्या मतलब है, इसके लक्षण और इलाज का तरीका
फेफड़ों के कैंसर में शामिल है- खांसी जो दूर नहीं होती सांस लेते समय या खांसते समय सिटी जैसी आवाज, खून की खांसी, तेज सांत लेते समय छाती में दर्द, आवाज बैठना, बिना कारण वजन कम होना, हड्डी में दर्द, सरदर्द। यदि इसमें कोई लक्षण लंबे समय से है और आम दवाओं या घरेलू इलाज का असर नहीं हो रहा है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
अत्यधिक स्मोकिंग करने वालो या तंबाकू खाने वालों में इस कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में शराब भी फेफड़ों के कैंसर का कारण बनती है। जो लोग खुद धूम्रपान नहीं करते, लेकिन धूम्रपान करने वालों के लगातार सम्पर्क में रहते हैं, तो उन्हें भी लंग्स कैंसर हो सकता है। जो लोग बहुत अधिक प्रदूषण वाले इलाकों में रहते हैं, उनमें भी इस जानलेवा बीमारी की आशंका रहती है।
स्टेज 0 का मतलब है कि फेफड़ों से जुड़ी कोशिकाओं की ऊपरी परतों में कैंसर घर कर गया है।। स्टेज 1 बताता है कि ट्यूमर फेफड़े में विकसित हो गया है, लेकिन 5 सेंटीमीटर से कम है और शरीर के अन्य अंगों में नहीं फैला है। वहीं स्टेज 2 का मतल है कि ट्यूमर फेफड़े में लिम्फ नोड्स तक फैल सकता है। इसके बाद स्टेज 3 बताती है कि कैंसर लिम्फ नोड्स में पूरी तरह फैल गया है, साथ ही फेफड़ों और आसपास के अन्य हिस्सों में भी पहुंच गया है। Lung Cancer की आखिरी स्टेज होती है कि स्टेज 4, जिसका अर्थ होता है कि कैंसर शरीर के कुछ हिस्सों, जैसे कि हड्डियों या मस्तिष्क तक फैल गया है।
फेफड़ों के कैंसर से बचना है तो स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाएं। यानी धूम्रपान या शराब सेवन से दूर रहें। पौष्टिक आहार खाएं। फेफड़ों की एक्सरसाइज वाले योग और प्राणायम करें। यदि प्रदूषण से भरे वातारण में रहते हैं तो बाहर निकलते समय मास्क पहनें। खासतौर पर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से दूर रहना चाहिए। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हैं यानी बीमारियों से लड़ने की ताकत कम है, उन्हें इन बातों का खास ख्याल रखना होगा। अपने फेफड़ों को मजबूत करने के लिए घरेलू या आयुर्वेदिक उपायों को आजमाएं।
फेफड़ों के कैंसर का इलाज बहुत जटिल है। इसका इलाज होम्योपैथिक तरीके से भी किया जा सकता है क्योंकि होम्योपैथिक शरीर से कैंसर के टिशू को समाप्त कर देता है। इसके अलावा, रेडियोथैरेपी, कीमोथैरेपी, टार्गेटेड थैरेपी इसके इलाज हैं। अधिकांश मामलोंं में डॉक्टर कैंसर सर्जरी कराने की सलाह देते हैं जिसमें कैंसर टिशू को काट दिया जाता है ताकि वह शरीर के अन्य अंगों में न फैले।