जानिए, स्वाइन फ्लू के लक्षण और इसके घरेलू उपाय

IndiaTv046280_swine (1)ई दिल्ली: स्वाइन फ्लू के बारें में तो आपने सुना ही होगा। देशभर में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बना रहता है। स्वाइन फ्लू एच1एन1 नामक एक वाइरस है। अगर इसके बारें में हमें ज्यादा जानकारी न होने की वजह से इससे जाने कितनी मौत भी हो जाती है। इस बारें में डॉक्टरों कहना है कि अगर किसी घर में कोई शख्स स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गया तो, घर के बाकी लोगों को इससे बचने के लिए डॉक्टरी सलाह ले कर खुद भी इसकी दवाईयां खानी चाहिए, क्योंकि स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। कई बार मरीज के आसपास रहने वाले लोगों और तिमारदारों को चपेट में ले लेता है। लिहाजा, किसी में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो उससे कम से कम तीन फीट की दूरी बनाए रखना चाहिए, स्वाइन फ्लू का मरीज जिस चीज का इस्तेमाल करे, उसे भी नहीं छूना चाहिए। हम अपनी खबर में आपको बताएगें कि स्वाइन फ्लू क्या है। इसके लक्षण क्या है और साथ ही बताएगें कि इससे कैसे बचा जा सकता है। अहर आप स्वाइन फ्लू के प्रति जागरुक न हुए, यह आपके लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है। जानिए इसे लक्षण और उपायों के बारें में।

क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू सूअरों में होने वाला सांस संबंधी एक अत्यंत संक्रामक रोग है जो कई स्वाइन इंफ्लुएंजा वायरसों में से एक से फैलता है। आमतौर पर यह बीमारी सूअरों में ही होती है लेकिन कई बार सूअर के सीधे संपर्क में आने पर यह बीमारी मनुष्य में भी फैल जाती है।
क्या हैं लक्षण
स्वाइन फ्लू के लक्षण आम मानवीय फ्लू से मिलते-जुलते ही हैं। नाक का लगातार बहना, छींक आना, कफ, कोल्ड और लगातार खांसी, मांसपेशियां में दर्द या अकड़न, सिर में भयानक दर्द, नींद न आना, ज्यादा थकान, दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना, गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना इसके अलावा सांस भी फूलने लगती है।  साथ ही किसी किसी को इससे उल्टी और दस्त भी हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है।

स्वाइन फ्लू से बचने के घरेलू उपाय

  • लहसुन भी मौजूद एंटी-वॉयरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने में मदद करते है। इसके लिए आप लहसुन की दो कलियां रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा होता है।
  • स्वाइन फ्लू में हल्दी, तुलसी, नीम, गिलोय, फुदीना, आंवला, ग्वारपाठा, लहसुन, अदरक  का सेवन करना फायदेमंद है । इसका सेवन रोज करें।
  • रोग नाशक द्रव्य के रूप में सुदर्शन क्वाथ या उनकी वटी/चूर्ण, भारंग्यादि क्वाथ, संशमनी वटी का सेवन करें।
  • पाचनतंत्र को स्वस्थ रखने के लिए हल्का, गर्म, ताजा भोजन ही लें।
  • सूप, नींबू रस, आंवला रस, मोसंबी के रस, हल्दी वाला दूध और ज्यादा पानी का सेवन करें।
  • गुग्गुल, काली मिर्च, गाय का शुद्ध घी, कपूर और शक्कर मिश्रित कर सेवन अवश्य करें।
  • स्‍वाइन फ्लू से बचाव के लिए कपूर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। चाहें तो बड़े लोग कपूर की गोली को पानी के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं, वहीं बच्चों को इसका पाउडर आलू अथवा केले के साथ मिलाकर देना चाहिए। ले‍किन इस बात का ध्यान रहे कि कपूर के सेवन रोज न करें। इससे आपको नुकसान हो सकता है।
  • इस बीमारी से बचने के लिए हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। खांसते समय और झींकते समय टीशू से कवर रखें। एक बार इस्तेमाल के बाद टिशू पेपर कू़ड़ेदान में फेंक दें। रूमाल को साबुन से धो लें।
  • अगर आपके घर में किसी को स्वाइन फ्लू के लक्षण हों तो उसे मास्क पहनना चाहिए और उसे घर से बाहर नही निकलना चाहिए।
  • अगर किसी को स्वाइन फ्लू हा तो उससे क्लोज कॉंटेक्ट से बचें। उससे हाथ न मिलाएं।
  • स्वाइन फ्लू के टेस्ट के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है जिससे एच1एन1 वायरस की पहचान की जाती है। ऐसा कोई भी टेस्ट डॉक्टर की सलाह के बाद ही करवाएं।
  • अगर आपके बच्चे को सर्दी-जुकाम या खांसी है तो उसे स्कूल न भेजें।उसे घर में ही रखें।
  • सार्वजनिक स्थानों, भी़ड़ भरे स्थानों पर कभी भी थूकें नहीं। इससे भी स्वाइन फ्लू फैल सकता है।
  • छींकने, खांसने और कहीं बाहर से आने के बाद घर आकर तुरंत अपने हाथ साबुन से धोएं।
  • खान-पान का खास ख्याल रखें, तला भूना कम ही खाएं।
  • हमेशा एन-95 मास्क का उपयोग करें। यह उपलब्ध नहीं होने पर थ्री लेयर्ड उपयोग करें। इसे गीला कर उपयोग करने पर संक्रमण की आशंका न के बराबर हो जाती है।

 

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