जानिए, क्यों जन्माष्टमी की रात मुरली मनोहर को लगता है इस एक चीज़ का भोग

लगभग सभी जानते हीं होंगे कि देवकीनंदन को उनके जन्मदिन यानि की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन धनियां पंजीरी का प्रसाद भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इस भोग से बालगोपाल बहुत प्रसन्न होते हैं। क्योंकि माखन मिश्री के साथ-साथ उन्हें पंजीरी का प्रसाद भी अधिक प्रिय है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में इसका अधिक महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं इसके बार में-जानिए, क्यों जन्माष्टमी की रात मुरली मनोहर को लगता है इस एक चीज़ का भोग

ज्योतिष शास्त्र के साथ-साथ आयुर्वेद में भी धनिए की पंजीरी को खाने के अनेकों फायदे बताए गए हैं। इसके अनुसार रात में त्रितत्व वात, पित्त और कफ के दोषों से बचने के लिए धनिए की पंजीरी के प्रसाद का भोग श्रीकृष्ण को लगाया जाता है। इसके साथ ये स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी मानी जाती हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी पर इस विधि से बनाएं धनिए की पंजीरी का भोग प्रसाद-
पंजीरी बनाने के लिए सबसे पहले कढ़ाई में 1 चम्मच घी गर्म कर लें। इसमें धनिया पाऊडर मिलाकर अच्छी तरह से भूनकर इसमें टुकड़ों में कटे हुए मखानों को भूनकर और उन्हें दरदरा पीस कर डाल दें। काजू और बादाम को भी छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर इसमें मिला दें। इस तरह से भगवान को भोग लगाने वाली धनिए की पंजीरी तैयार है। भोग लगाने के बाद आप इसे प्रसाद के रूप में बांटकर स्वयं भी ग्रहण करें। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत रखने वाले भक्त इन मंत्रों के साथ करें व्रत पालन-

ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
वैसे तो इस मंत्र का जाप इस दिन पूरा समय करते रहें, अगर एेसा न कर पाएं तो कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा इसका जाप करें मंत्र का जाप दिन भर करते रहना चाहिए।

योगेश्वराय योगसम्भवाय योगपताये गोविन्दाय नमो नमः
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन के इस मंत्र से श्रीहरि का ध्यान करें।

यज्ञेश्वराय यज्ञसम्भवाय यज्ञपतये गोविन्दाय नमो नमः
इस मंत्र का जाप करते करते श्री कृष्ण की बाल प्रतिमा को स्नान कराएं।

वीश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नमः
इस मंत्र से भगवान को धूप, दीप, पुष्प, फल आदि अर्पण करें।

धर्मेश्वराय धर्मपतये धर्मसम्भवाय गोविन्दाय नमो नमः
इस मंत्र से नैवेद्य या प्रसाद अर्पित करें।

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