जानिए कैसे रखें खुद को Fit & Helathy

आज हमारे पास पैसा है, तकनीक है, सुख-सुविधओं के सारे साजोसामान हैं. हम तेजी से तरक्की कर रहे हैं. मगर एक मामले में हम लगातार पिछड़ते जा रहे हैं, वह है सेहत का मामला. आज खेलने-कूदने की उम्र में ही बच्चे उन बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, जो कभी बुढ़ापे की बीमारी कहीं जाती थी. इसकी वजह है, हमारे खान-पान और रहन-सहन में आए बदलाव के कारण. आज हमारे पास ना तो खाने-पीने का कोई निश्चित समय रहा है, ना ही सोने-उठने का. ऑफिस में ड्यूट अवर्स बदल गए हैं. कभी हम तड़के तारों की छांव में ऑफिस भागते हैं तो कभी चिलचिलाती धूप में सड़क नापते हैं.जानिए कैसे रखें खुद को Fit & Helathy

ऐसे में जरूरी है कि सब कामों के साथ-साथ कुछ समय खुद अपने लिए भी निकाला जाए. भले ही पांच मिनट खुद के लिए निकालें, लेकिन समय जरूर निकालें और अपने शरीर के बारे में सोचें कि आप अपने शरीर से क्या काम ले रहे हैं और उसके बदले शरीर को वापस कितनी ऊर्जा और आराम दे रहे हैं.

शरीर को आराम दें
आज हमारा सोने का वक्त तय नहीं है. देर रात सोते हैं या फिर रात भर काम करते हैं और दिन में बस्तर पर पसर जाते हैं. कुदरत ने रात शरीर को आराम देने के लिए बनाई है, लेकिन बदले जीवन स्तर में अब उसके मायने बदल गए हैं. आपके शरीर को निश्चित आराम की जरूरत है. इसलिए नींद भले ही कभी भी लें, लेकिन शरीर को आराम जरूर दें.

तनाव को करें बाय-बाय
काम का तनाव और परिवार की जरूरतों के कारण हमारे दिमाग में हमेशा कुछ ना कुछ चलता रहता है. यहां तक कि पार्क में टहलते हुए या बिस्तर पर आराम करते हुए भी हमारा दिमाग चलायमान रहता है. यह स्थिति तनाव को बढ़ाती है. इससे ब्लड प्रेशर समेत कई बीमारियों हमें घेर लेती हैं. इसलिए शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी आराम करने का मौका दें.

स्वाद पर करें कंट्रोल
जीवन शैली बदलने का सबसे बड़ा असर हमारे खान-पान पर हुआ है. एकल परिवार होने और पति-पत्नी, दोनों के काम पर होने के कारण पेट भरने के लिए हम बाजार पर निर्भर हो गए हैं. इसके अलावा वीकेंड पर बाहर भोजन करना एक फैशन बन गया है. खाने-पीने की आदत हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक है. इसलिए हफ्ते में कम से कम एक दिन भोजन ना करें, अगर कर रहे हैं तो बहुत सादा और हल्का खाना लें.

काम पर दें शरीर पर ध्यान
ऑफिस में काम करते हुए या घर पर टीवी देखते हुए कमर को सीधा रखें. ऑफिस में बीच-बीच में उठकर शरीर को सीधा करें और हाथ-पैरों को इधर-उधर घुमा कर शरीर को तनाव मुक्त करें.

खुद पर रखें विश्वास, ना समझें कमजोर
आज हर काम में चुनौती है. खुद को साबित करने या आगे बढ़ने के लिए नितनए चैलेंज मिलते रहते हैं. तकनीक तेजी से बदल रही है. युवा पीढ़ी तेज दिमाग के साथ आपको चुनौती देती नजर आएगी. इस चुनौती को स्वीकार करते हुए कभी भी खुद को कमजोर ना समझें. धैर्य के साथ हर हालात का सामना करें.

सकारात्मक बनें
तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए कई बार निराशा हमें आ घेरती है. हमें लगता है कि अब हमारा कुछ नहीं हो सकता, या यह काम हमसे नहीं हो सकता. जबकि ऐसा कुछ नहीं है, जो आप कर नहीं सकते. अपने आसपास हंसी-खुशी का माहौल बनाकर रखें. कुछ इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर आप आपने जीवन से बड़ा तनाव खत्म करके ऊर्जावान जीवन जी सकते हैं और आने वाली पीढ़ी को भी एक स्वस्थ्य जीवन की दिशा दिखा सकते हैं.

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