जानिए, आखिर क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी?

सावन का महीना चल रहा है। जो कि सभी जानते हैं कि भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस पावन महीने में जो भी भोलेनाथ की सच्चे मन औऱ श्रद्धा से पूजा करता है उसे अपनी हर परेशानी का हल जल्दी ही मिल जाता है। जैसा कि सभी जानते हैं देवों के देव महादेव मात्र एक ऐसे देव हैं, जो भक्तों की भक्ति से बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं लेकिन आज हम आपको सावन में पड़ने वाली नाग पंचमी के बारे में बताने जा रहे हैं। आज नाग पंचमी है इस दिन नाग देवता को दूध पिलाया जाता है लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है ?जानिए, आखिर क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी?

शुक्ल और कष्ण पक्ष की पंचमी को नागपंचमी मनाई जाती है इस त्योहार पर नागों की पूजा का विधान है। नागों को हिन्दू धर्म में विशेष मान्यता दी गई है। भगवान शिव के गले में स्थान पाने वाले नागों की हिन्दू धर्म में पूजा की जाती है। इस धरती पर नागों की उत्पत्ति कैसे हुई इसका वर्णन हमारे ग्रंथो में किया गया है। इनमें वासुकि, शेषनाग, तक्षक और कालिया जैसे नाग हैं। नागों का जन्म ऋषि कश्यप की दो पत्नियों कद्रु और विनता से हुआ था।

स्कन्द पुराण के अनुसार इस दिन नागों की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नागपंचमी के दिन अपने दरवाजे के दोनों ओर गोबर से सर्पों की आकृति बनानी चाहिए और धूप, पुष्प से इनकी पूजा करनी चाहिए। इसके बाद इन्द्राणी देवी की पूजा करनी चाहिए। दही, दूध, अक्षत, जल, पुष्प, नेवैद्य आदि से उनकी आराधना करनी चाहिए और इंद्राणी देवी की आराधना करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उसके बाद स्वयं भोजन करना चाहिए।

नागपंचमी के दिन पहले मीठा भोजन फिर अपनी रुचि के अनुसार भोजन करना चाहिए। इस दिन द्रव्य दान करने वाले पुरुष पर कुबेर जी की दया दृष्टि बनती है।मान्यता है कि अगर किसी जातक के घर में किसी सदस्य की मृत्यु सांप के काटने से हुई हो तो उसे बारह महीने तक पंचमी का व्रत करना चाहिए। इस व्रत के फल से जातक के कुल में कभी भी सांप का भय नहीं होगा। अगर आप भी इन उपायों को करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होंगी।

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