जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर मायावती और फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि यह पीएम नरेंद्र मोदी की कश्मीर नीति की विफलता की निशानी है। वहीं फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण हो गए तो विधानसभा चुनाव क्यों नहीं हो सकते।
हाइलाइट्स

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव न कराए जाने से मायावती और फारूक अब्दुल्ला ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना
मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा कि यह पीएम नरेंद्र मोदी की कश्मीर नीति की विफलता की निशानी है
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण हो गए तो जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव क्यों नहीं हो सकते

लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराए जाने के चुनाव आयोग के फैसले पर विवाद शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती और नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि यह मोदी सरकार की कश्मीर नीति की विफलता की निशानी है। वहीं, फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब सभी दल चाहते हैं कि चुनाव हो तो फिर लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव क्यों नहीं हो सकते।
फारूक अबदुल्ला ने पत्रकारों से कहा, ‘सभी दल जम्मू-कश्मीर में एक साथ चुनाव के पक्ष में हैं। लोकसभा चुनाव के लिए माहौल अनुकूल है लेकिन जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए क्यों नहीं? स्थानीय पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण हुए, यहां पर्याप्त सुरक्षा बल मौजूद है फिर क्यों विधानसभा चुनाव नहीं हो सकते?’
चुनाव नहीं करा पाना मोदी की विफलता: माया
मायावती ने ट्वीट कर लिखा, ‘जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का आम चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ नहीं कराना मोदी सरकार की कश्मीर नीति की विफलता का निशानी है। जो सुरक्षा बल लोकसभा चुनाव करा सकते हैं, वही उसी दिन वहां विधानसभा का चुनाव क्यों नहीं करा सकते हैं? केन्द्र का तर्क बेतुका है और बीजेपी का बहाना बचकाना है।’

‘एयर स्ट्राइक इसलिए हुई क्योंकि चुनाव करीब थे’
फारूक अब्दुल्ला ने एयर स्ट्राइक को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘हमें हमेशा से पता था कि पाकिस्तान के साथ युद्ध के साथ छोटी लड़ाई हो सकती है। लेकिन एयर स्ट्राइक इसलिए हुई क्योंकि चुनाव नजदीक हैं। हमने करोड़ों की लागत का एक एयरक्राफ्ट खो दिया। शुक्र है कि पायलट (विंग कमांडर अभिनंदन) बच गया और सम्मान के साथ पाकिस्तान से लौट आया।

चुनाव आयोग का तर्क
बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ चुनाव आयोग ने एक ओर चार राज्यों में विधानसभा के चुनाव कराने की भी घोषणा की है, हालांकि आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग होने के बावजूद भी राज्य में चुनाव ना कराने की घोषणा की। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव ना कराने की बात कहते हुए कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से फिलहाल राज्य में विधानसभा चुनाव की वोटिंग नहीं कराई जाएगी।
उमर का केंद्र सरकार पर निशाना
निर्वाचन आयोग के इस ऐलान के बाद नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी केंद्र सरकार और पीएम मोदी की आलोचना की। उमर ने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘पीएम मोदी ने पाकिस्तान, आतंकियों और हुर्रियत के सामने सरेंडर कर दिया है। बहुत अच्छे मोदी साहब, 56 इंच की छाती फेल हो चुकी है।’

राजनाथ पर भी उमर ने उठाए थे सवाल
वहीं एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय गृहमंत्री पर कटाक्ष करते हुए उमर ने कहा, ‘राजनाथ सिंह जी के उन वादों का क्या हुआ जो उन्होंने लोकसभा, राज्यसभा और सर्वदलीय बैठक में किए थे कि चुनाव के लिए सभी सुरक्षाबलों को उपलब्ध कराया जाएगा।’ बीते चुनावों का हवाला देते हुए उमर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘1996 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि विधानसभा के चुनाव समय पर नहीं होने वाले हैं। हर बार पीएम मोदी के सशक्त नेतृत्व की सराहना करने से पहले इस बात का ध्यान रखना होगा।’

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