जब शीला दीक्षित ने फौजी से कहा- आप बंदूक के बल पर साइन कराना चाहते हैं

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शीला दीक्षित ने दिल्ली को वर्ल्ड सिटी बनाने के अपने सपने को पूरा करने के लिए छोटे से छोटे मौके को नहीं गंवाया। उनकी अकस्मात मौत के बाद सेना के रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल (डा.) ए के दत्ता ने उनकी प्रशासनिक काबिलियत को याद करते हुए दिल्ली में आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस (एसीएमएस) की स्थापना से जुड़ा वाकया बताया। 

कॉलेज स्थापना का काम काज देख रहे दत्ता ने बड़ी मुश्किल से मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से समय लिया और अपनी परेशानी बताई। लेफ्टिनेंट जनरल दत्ता ने शीला को सभी मंजूरियों के बजाए नियम के मुताबिक एक ऐसे कागज पर साईन करने का विकल्प दिया जिससे किसी विभाग के मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ती। शीला ने हंसते हुए कहा कि आप मेरे सिर पर बंदूक रख कर मेरा साईन लेना चाहते हैं। असहज दत्ता ने माफी मांगते हुए समय के विपरित चल रहे कामों की मजबूरी बताई।
 
शीला ने बिना समय गंवाए अपने निजी सचिव को बुलाया और सभी विभागों से जल्द से जल्द मंजूरी दिलवाने का आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि ऐसा संस्थान दिल्ली में खुलना उनके लिए ही नहीं पूरे दिल्ली वासियों के लिए गर्व की बात है। बकौल दत्ता शीला ने अपने सचिव से कहा कि अगर 25 दिन में सभी मंजूरी नहीं मिलती तो यह फाईल मेरे पास ले आना। 

मैं उस कागज पर साईन कर दूंगी जिसके बाद किसी भी विभाग से अलग से मंजूरी की जरुरत नहीं पड़ेगी। असर यह हुआ कि बामुश्किल दस दिन के भीतर ही मेडिकल कॉलेज को सभी 36 विभागों की मंजूरी मिल गई। 

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