चैत में “चैट” से ऊबे दंपति

लॉकडाउन साइड इफ़ेक्ट: दंपति में तकरार के साथ प्रेम भी बढ़ा, कंडोम की डिमांड बढ़ी, उत्पादन घटा

राजीव ओझा
हर बड़ी घटना या घटनाक्रम का साइड इफ़ेक्ट जरूर होता है। कुछ अच्छा, कुछ बुरा। जैसे अभी कोरोना संकट। पूरे देश में लॉक डाउन है लोग घरों में हैं। इन्टरनेट डाटा खपत दोगुनी हो गई है। तरह तरह के चुटकुले और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किये जा रहे हैं। घर में बैठ दिनभर नेट पर चैट से लोग ऊबने लगे हैं। लेकिन जबतक हम घरों में रहेंगे तबतक कोरोना निगेटिव रहेंगे। ये लॉक डाउन का पॉजिटिव इफ़ेक्ट है। बहुत दिनों बाद पूरा परिवार एक साथ समय बिता रहा है। पति, घर के कामों में पत्नी का हाथ बंटा रहा है। हाँ, इसके चलते पति-पत्नी में तकरार और नोकझोंक जरूर बढ़ गई है। लेकिन इसका सकारात्मक पहलू भी है।
लॉक डाउन के चलते पत्नी नाराज होकर मायके नहीं जा पा रही हैं। और जैसा कि होता आया है, कुछ देर बाद दोनों में युद्धविराम के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हो जाते हैं अगले युद्धविराम के उल्लंघन तक। कलह के बाद शांति में पति-पत्नी के सम्बन्ध बेहतर हुए हैं। चैत का महीना चल रहा है पर फागुन का हैंगओवर अभी ख़त्म नहीं हुआ है। लॉक डाउन में प्रेम बढा है और प्रणय निवेदन की सकारात्मक परिणति का प्रतिशत भी बढ़ा है। कंडोम की मांग बढ़ी है और सप्लाई घटी है। ऐसा मानने के तार्किक कारण हैं।
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जैसा कि सबको पता है पूरी दुनिया इस समय कोरोना के चलते अभूतपूर्व संकट से गुजर रही है। करीब 275 करोड़ लोग लॉक डाउन की स्थिति में हैं। इसके चलते कंडोम की डिमांड बढ़ी है और सप्लाई कम हुई है। दुनिया में कंडोम के सबसे बड़े निर्माता ने दुनिया को चेताया है कि अचानक मांग में वृद्धि और उत्पादन में कमी के कारण कंडोम की आपूर्ति लगभग 50 फीसदी तक कम हो सकती है। जबकि इसका मौजूदा भंडार अगले दो महीनों तक के लिए ही बचा है।
मलेशिया की इस कम्पनी की गिनती दुनिया की प्रमुख कंडोम निर्माता कम्पनी में होती है और हर पांच में एक कंडोम इस कम्पनी का होता है। इस निर्माता कंपनी ने लम्बी बंदी के बाद हाल ही में पुनः कंडोम उत्पादन शुरू किया है लेकिन मलेशिया में भी लॉक डाउन के कारण फैक्ट्री में आधे वर्कर ही आ रहे हैं। इस कारण उत्पादन कम हो रहा है जबकि कंडोम के प्रमुख निर्माता देश भारत और चीन में कोरोना महामारी की वजह से उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
मलेशिया की इस कम्पनी के चीफ एक्सीक्यूटिव ऑफिसर के अनुसार उनकी कंपनी साल भर में विभिन्न श्रेणी के करीब 5 अरब से अधिक कंडोम का उत्पादन करती है। इसका निर्यात दुनिया भर के करीब 140 देशों में किया जाता है। लेकिन सीमायें सील होने और विमान सेवाएं बंद होने के करण आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।
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अधिकारी ने चेताया कि भविष्य में कंडोम के दाम काफी बढ़ सकते हैं क्योंकि फैक्ट्री में काम के घंटे कम कर दिए गए हैं लेकिन वेतन पूरा दिया जा रहा है। इस कारण उत्पादन की लागत काफी बढ़ गई है। इसी तरह मलेशिया सर्जिकल दस्ताने बनाने वाला प्रमुख देश है और दुनिया के हर 5 दस्ताने में 3 मलेशिया में बनते हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सर्जिकल दस्ताने की डिमांड बहुत बढ़ गई है। लेकिन मलेशिया लॉक डाउन के कारण संकट की इस घडी में दस्तानों की आपूर्ति पूरी क्षमता से नहीं कर पा रहा है। सर्जिकल दस्तानों की कीमत भी बढने की सम्भावना है।
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