चीन ने दिखाया दम, हुवेई मामले में कनाडा पर दागा बाउंसर

चीन की कंपनी हुवेई टेक्नोलॉजीज की मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) की कनाडा में गिरफ्तारी मामले ने तूल पकड़ लिया है. चीन के दबाव में हुवेई की सीएफओ और फाउंडर की बेटी मेंग वानझाउ को कनाडा में जमानत तो मिल चुकी है लेकिन अमेरिकी दबाव में कनाडा देश से बाहर निकलने की मंजूरी नहीं दे रहा है. अब सीएफओ को कनाडा से निकालने के लिए चीन ने नया दांव चला है. चीन में कनाडा दूतावास के एक बड़े अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है वहीं एक अन्य अधिकारी से पूछताछ चल रही है.

गौरतलब है कि बीते हफ्ते चीनी कंपनी हुवेई पर अमेरिका ने आरोप लगाया था कि अमेरिकी प्रतिबंध का उल्लंघन किया है. जिसके बाद कनाडा की एक कोर्ट ने बताया कि हुवेई की सीएफओ मेंग वानझाउ को गिरफ्तार कर अमेरिका प्रत्यर्पण करने की तैयारी की जा रही है.

कनाडा विधि विभाग के प्रवक्ता इयान मैकलोएड के मुताबिक मेंग वानझोउ को ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर से गिरफ्तार किया गया था. अमेरिका ने मेंग वानझोउ के तुरंत प्रत्यर्पण की मांग करते हुए कनाडा पर दबाव बढ़ा दिया था. वहीं गिरफ्तारी की बात का खुलासा होने के तुरंत बाद चीन सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए मेंग की रिहाई की अपील की. लेकिन कनाडा सरकार पर कोई असर होता न देख चीन ने कनाडाई कोर्ट से मेंग की जमानत करा ली लेकिन कनाडा से बाहर निकालने के लिए उसे अमेरिका के प्रत्यर्पण की मांग का काट निकालने की जरूरत है.

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गौरतलब है की एक साल से अमेरिका चीनी कंपनी हुवाई द्वारा ईरान के खिलाफ लगे प्रतिबंधों के उल्लंघन की जांच कर रहा है. अमेरिका का दावा है कि कंपनी ने अमेरिका के लिए निर्मित हुवेई फोन की खेप को ईरान समेत कुछ अन्य देशों में भेजने का काम किया है. वहीं अमेरिका का यह भी मानना है कि हुवेई चीन की निजी कंपनी होने के अलावा चीन सरकार के निर्देश पर काम करती है.

मेंग कंपनी बोर्ड की डिप्टी चेयरपर्सन भी हैं और कंपनी के संस्थापक रेन झेंगफेई की बेटी हैं. हुवेई ने लगातार दावा किया है  कि मेंग वानझाउ ने ऐसा कोई गलत काम नहीं किया है कि उनकी गिरफ्तारी की जाए और प्रत्यर्पण के जरिए अमेरिका को सौंपा जाए.

खासबात है कि हुवेई के सीएफओ मिंग की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई जब हाल ही में अर्जेंटीना में जी20 बैठक के दौरान अमेरिका और चीन ने ट्रेड वॉर को थामने के लिए नई ट्रेड ट्रीटी करने की संभावनाओं को तलाशने का काम किया है. अब जानकारों का मानना है कि मेंग की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका और चीन के रिश्तों में नया तनाव पैदा हो सकता है. समझौते के मुताबिक दोनों देशों को 90 दिनों के अंदर ट्रेड विवाद को सुलझाते हुए नए ट्रेड समझौते का मसौदा तैयार करना है.

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