चाइना ने दिखाया अपना सबसे खतनाक हथियार, भारत के लिए बड़ा खतरा

चीन ने अपने सबसे शक्तिशाली और नई जेनरेशन के स्‍टील्‍थ फाइटर प्‍लेन जे-20 को दुनिया के सामने पेश कर दिया है। मंगलवार को सबसे बड़े एयर शो के दौरान रेडार की पकड़ में नहीं आने (स्‍टेल्‍थ) वाले इस फाइटर प्‍लेन की खूबियों को प्रदर्शित किया गया।

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हथियारों के मामले में लगातार नई चीजें विकसित कर रहे चीन के इस फाइटर प्‍लेन से भारत पर असर पड़ने की आशंका है। ऐसा इसलिए कि पाकिस्‍तान ने इस फाइटर प्‍लेन को खरीदने की इच्‍छा जाह‍िर की है।
भारत पर पड़ेगा दबाव
चीन के ग्‍वांगतोंग प्रांत के जुहाए में मंगलवार से शुरू हुए सबसे बड़े एयर शो के दौरान दो जे-20 फाइटर प्‍लेन्‍स ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपने करतब दिखाए। इस शो में पाकिस्तानी वायुसेना भी अपने जे-17 थंडर जेट्स के साथ शामिल हो रही है।
 इस फाइटर प्‍लेन का निर्माण पाकिस्‍तान और चीन ने मिलकर किया है।
चीन से हथियारों का सबसे बड़ा आयातक पाकिस्तान पहले ही कह चुका है कि वह एफसी-31 विमानों की खरीद के लिए चीन के साथ बातचीत कर रहा है। दरअसल, एफसी-31 इस विमान का (जे-20) का निर्यात किए जाने वाला संस्‍करण है।
भारत सीमा पर होगी तैनाती?
ऐसी खबरें हैं कि जे-20 को भारत-चीन सीमा पर तैनात किया जा सकता है। हालांकि, चीनी एक्‍सपर्ट्स इस बात को खारिज कर चुके हैं। उनका कहना है कि भारत-चीन सीमा इस फाइटर जेट की तैनाती की सही जगह नहीं है क्‍योंकि यहां पर जो दुनिया का सबसे ऊंचा एयरपोर्ट है, वहां जे-20 की खातिर सुविधाएं नहीं हैं और इससे उसकी कार्यक्षमता पर असर पड़ेगा। 
एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि अगर चीन जे-20 की तैनाती भारत को निशाना बनाकर करना चाहता है तो वह ऐसा तभी कर पाएगा जब एयरक्राफ्ट के मेनटेनेन्‍स और ऑपरेशन से जुड़ी सुविधाएं विकसित हो पाएंगी।
चीन की बड़ी कामयाबी
जे-20 के रूप में स्‍टेल्‍थ विमान विकसित करना चीन की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए कि वह हवाई तकनीक के मामले में काफी पीछे था और अभी तक काफी हद तक वह रूसी विमानों पर निर्भर रहा है। ऐसा कर वह भारत से आगे भी निकल गया है।
दरअसल, भारत ने अभी तक स्टेल्थ फाइटर प्‍लेन को विकसित नहीं किया है। साथ ही इस विमान के बूते चीन जहां एशिया में अपनी ताकत और बढ़ा पाएगा वहीं अमेरिका की टक्कर में भी खड़ा हो पाएगा।
यह है जे-20 की ताकत
जे-20 की जो सबसे पहली और बड़ी खासिसत है, वह है इसका स्‍टेल्‍थ होना यानी यह दुश्‍मनों के रेडार की पकड़ में नहीं आएगा। इसके अलावा इसमें लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों को लगाया जा सकता है।
यह विमान काफी हल्का है तथा नई पीढ़ी का है। जे-20 के बाद अब चीन नई जेनरेशन के J-31 स्‍टेल्‍थ फाइटर प्‍लेन्‍स विकसित कर रहा है।
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