घोड़ों व खच्चरों की लीद से बनी खाद से खेतों में लहलहा रही फसल

माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर चलने वाले घोड़ों की लीद से बनी खाद से कटड़ा के आसपास के गांवों के खेत हरे भरे हो रहे हैं। खेत ही नहीं, नेशनल हाईवे और सैन्य परिसर में लगे पौधे भी इसी खाद से बड़े हो रहे हैं। बड़ी बात यह कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड इस खाद को तैयार कर किसानों और सेना को निशुल्क दे रहा है। वर्तमान में बोर्ड के खाद केंद्र में हजारों टन खाद तैयार की जा रही है। इसे जैविक खेती का विकल्प भी माना जा रहा है।

इस समय आधार शिविर कटड़ा से भवन तक पुराने मार्ग पर 4200 घोड़े व खच्चर चल रहे हैं। इनकी लीद श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब रही है। इसलिए श्राइन बोर्ड ने पूरे मार्ग पर सफाई कर्मचारी तैनात किए हैं। वह लीद को जमा कर आधार शविर कटड़ा में भेजते हैं। श्राइन बोर्ड ने कटड़ा के साथ ही नताली कुंदरियां गांव में 22 कनाल भूमि पर खाद बनाने का केंद्र बनाया है। इस केंद्र में लीद गलाकर खाद तैयार की जाती है। पिछले छह महीनों में इस केंद्र में 2,64,800 किलोग्राम खाद तैयार की गई है। कटड़ा व आसपास के गांव नोमाई, झज्झर कोटली, जिंद्राह, रियासी में किसान इस खाद को ले जाते हैं। श्राइन बोर्ड की नर्सरी, डीएफओ रियासी, वन विभाग का स्टेट फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, सेना की 16 कोर नगरोटा, नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी इस खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं।

अच्छी बात यह है कि इनमें से अधिकांश यहां से खाद निशुल्क ले जाते हैं। इस खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कुछ महीने पूर्व श्रइन बोर्ड ने कृषि विभाग रियासी के साथ कार्यशाला भी की थी। इसमें बताया गया कि जैविक खेती में इस खाद को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

बाण गंगा में भी पड़ रहा असर : बाण गंगा कटड़ा में घोड़ों के शेड से लेकर स्नानघाट कटड़ा तक का तीन किलोमीटर का भाग सबसे अधिक प्रदूषित माना जाता है। इसमें घोड़ों व खच्चरों की लीद भी मिलती है। अगर इसी तरह से इस लीद को पूरी तरह से बाण गंगा में जाने से रोक दिया जाए तो प्रदूषण कम किया जा सकता है। हालांकि, इसे प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रयास हो रहे हैं।

कोई भी नि:शुल्क ले जा सकता है खाद: श्राइन बोर्ड के सीईओ सिमरनदीप सिंह का कहना है कि इस खाद को स्थानीय किसानों के अलावा अन्य कई विभाग भी ले जाते हैं। सिर्फ नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया ही खाद खरीदती है। अन्य किसी से कोई पैसा नहीं लिया गया है। कोई भी अपनी गाड़ी लाकर खाद निशुल्क ले जा सकता है। सेना की नगरोटा स्थित 16 कोर भी खाद ले जाती है। हाईवे अथारिटी सड़क के डिवाइडरों में लगे पौधों में खाद डालती है।

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