घूस लेने के मामले को लेकर कोर्ट ने उठाया ये सख्त कदम

हल्द्वानी। घूस लेने के मामले में कोर्ट ने अवर अभियंता और बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान, द्वाराहाट के कुलसचिव को सात-सात साल की सजा सुनाई है। पिछले वर्ष ये दोनों पानी सप्लाई के बिल को पास कराने के लिए घूस लेते पकड़े गए थे। तब से ये दोनों ही जेल में बंद हैं।

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घूस लेते रंगेहाथ पकड़ा और फिर भेज दिया जेल

बता दें, केशवदत्त कांडपाल जोकि द्वाराहाट के गांव बवांस के रहने वाले हैं। उन्होंने विजिलेंस कार्यालय हल्द्वानी में कुलसचिव चंदन कुमार सोनी व अवर अभियंता (सिविल) बृजेश कुमार भोज के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी कि इन दोनों ने पानी आपूर्ति के बिलों के एवज में क्रमश: 50 हजार व 10 हजार रुपये रिश्वत में मांगे।

जब मामले की जांच हुई तो शुरूआत में ही शिकायत की पुष्टि हो गई। इसके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। नौ मार्च 2016 को विजिलेंस ने कुलसचिव व अवर अभियंता को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। इसके बाद मुकदमा दर्ज कर कोर्ट के आदेश पर दोनों को जेल भेज दिया। तब से ये दोनों जेल में हैं।

ये पूरा मामला भ्रष्टाचार निवारण, नैनीताल के विशेष न्यायाधीश की अदालत में चलाया गया। जिसमें गुनाह साबित हो जाने के बाद कोर्ट ने 24 अप्रैल को दोनों आरोपियों को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए धारा सात के तहत सात-सात साल की साधारण कैद की सजा मुकर्रर की।

इसी के तहत 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना अदा नहीं करने पर एक-एक साल की अतिरिक्त कैद होगी। इसके अलावा धारा 13 (1) डी व 13 (2) के तहत सात-सात वर्ष की सजा व 40-40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर दो-दो साल की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। इधर, एसपी विजिलेंस अमित श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की मजबूती से पैरवी की गई।

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