घूमने जाना है तो जाए लोनावला…..

महाराष्ट्र में बसा हुआ एक छोटा सा हिलस्टेशन लोनावला अपने हरे-भरे क्षत्रो के लिए जाना जाता है, यहाँ अधिक से अधिक लोग घूमने आते रहते है जिन्हे यहाँ आकर आनंद की अनुभूति होती है.सुंदर झील और झरनों का ये शहर टूरिस्टों के दिल को जीतने के लिए पूरे साल स्वागत को तैयार रहता है पुणे से 64 किमी तथा मुंबई से 96 किमी दूर यह शहर एक अच्छे वीकेंड के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। यहाँ मार्च से लेकर अक्टूबर तक कभी भी जाया जा सकता है. बरसात का मौसम भी यहाँ काफी सुन्दर लगता है.घूमने जाना है तो जाए लोनावला.....

लोनावला चिक्की के लिए मशहूर है। तिल, काजू, बादाम, मूंगफली, पिस्ता, अखरोट जैसे मेवों को शक्कर या गुड़ में मिलाकर बनाई जाने वाली चिक्की का स्वाद जबरदस्त होता है। यहां के फज भी बहुत फेमस हैं। लोनवला की यादगार के तौर पर आप यहां से चिक्की, चॉकलेट, मैंगो फज साथ ले जा सकते हैं।

समुद्रतल से 624 मीटर की ऊंचाई पर बसे हरी-भरी पहाडियों से घिरे लोनावला की सुंदरता बहुत ही सुहावनी है। यहां घूमने लायक बहुत सारी जगहें हैं। ट्रैकिंग का मन हो तो पहाड़ पर चढ़ने की सुविधा भी मौजूद है। ट्रैकिंग करते समय पहाड़ों के नजारों का लुत्फ लेने का एक अलग ही मजा है। इस छोटे से शहर में घूमने के लिए कई जगहें हैं। राजमची पाइंट, लोनावला झील, कारला केव्स, लोहागढ़ फोर्ट, बुशी डैम, रईवुड पार्क तथा शिवाजी उद्यान प्रमुख हैं। परिवार के साथ घूमने जाना हो या दोस्तों के साथ मस्ती करनी हो, यह जगह सभी के लिए सुहावनी है।घूमने जाना है तो जाए लोनावला.....

राजमची पाइंट-लोनावला से लगभग 6 किमी की दूरी पर खूबसूरत वादियों से सजी एक दूसरी जगह है राजमची। इसका यह नाम यहां के गांव राजमची के कारण पड़ा है। यहां सबसे ख़ास शिवाजी का किला और राजमची वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी है। इस जगह की सुंदरता सभी को बहुत लुभाती है।

रईवुड पार्क- यह जगह परिवार के लिए बहुत ही अच्छी है बच्चों के खलने मनोरंजन की सभी चीज़े यहाँ उपलब्ध है।

बुशी डैम- लोनावला से 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा बुशी डैम एक फेमस पिकनिक स्पॉट है। बरसात के दिनों में जब यह पानी से पूरा भर जाता है तो इसकी सुंदरता देखने लायक होती है। यहां कई पर्यटक पहुंचते हैं।

लोहागढ़ किला- लोनावला से 20 किलोमीटर की दूरी पर समुद्रतल से 1,050 मीटर की ऊंचाई पर बसा लोहागढ़ किला बेहद ही दर्शनीय स्थल है। इस किले की बनावट और इसकी ऐतिहासिकता हमें इसकी ओर खींचती है। यह किला शिवाजी का युद्धस्थल भी था। विशाल चट्टान पर स्थित इस किले में कैदियों के लिए लोहे के दरवाजे लगाए गए थे।

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