घर में क्यों नहीं रखनी चाहिए महाभारत, क्यों नहीं करना चाहिए इस ग्रंथ का पूरा…

महाभारत को बहुत पवित्र ग्रंथ माना जाता है। कहते हैं कि जो इस ग्रंथ में नहीं है वह कहीं भी नहीं है। धर्म, नीति, मर्यादा, विवेक और सदाचार का पाठ पढ़ाने वाले इस ग्रंथ के बारे में लोगों का मानना है कि इसे घर में नहीं रखना चाहिए। इस पवित्र ग्रंथ को पांचवा वेद भी माना जाता है। अक्सर बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि घर में महाभारत पढ़ने से वहां रोज महाभारत यानी झगड़े होने लगते हैं।

घर में क्यों नहीं रखनी चाहिए महाभारत

घरों में रामायण, गीता, हनुमान चालीसा जैसे पवित्र ग्रंथ पढ़े और रखे जाते हैं लेकिन महाभारत को लेकर यह आशंका क्यों व्यक्त की जाती है कि इससे घर की शांति भंग हो जाएगी?

घर में क्यों नहीं रखनी चाहिए महाभारत

कुछ लोगाें का मानना है कि महाभारत का पाठ घर में नहीं करना चाहिए। अगर इसका पाठ करें तो घर के बाहर किसी देव मंदिर, एकांत स्थल आदि में करना चाहिए। वहां भी इसका पूरा पाठ न करें। इसका कोई एक पृष्ठ छोड़ देना चाहिए।
 

वास्तव में इन सभी धारणाओं के पीछे महाभारत का मुख्य विषय है। रामायण में जहां एक भाई दूसरे भाई के लिए सिंहासन को ठोकर मार देता है, वहीं महाभारत में सिंहासन के लिए एक भाई दूसरे का शत्रु बन जाता है और उसके प्राण छीन लेता है।

घर में क्यों नहीं रखनी चाहिए महाभारत

रामायण मुख्यतः इस बात पर जोर देती है कि जीवन में क्या करना चाहिए जबकि महाभारत इस बात पर जोर देती है कि क्या नहीं करना चाहिए। रामायण में भी युद्ध का वर्णन है और महाभारत में भी युद्ध का उल्लेख है लेकिन दोनों में बहुत अंतर है।

रामायण का युद्ध भगवान का असुरों के खिलाफ रण का आगाज है और महाभारत का युद्ध एक भाई का दूसरे भाई के खिलाफ हथियार उठाने का प्रारंभ है। इसलिए ये दोनों ग्रंथ पवित्र होने के बावजूद इनमें से रामायण जहां परिवार की एक सदस्य बन गई वहीं महाभारत को प्रायः दूर ही रखा जाता है।
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