गैस विवाद में RIL की सरकार पर बड़ी जीत

बिजनेस डेस्कः मुकेश अंबानी की कम्पनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आर.आई.एल.) ने गैस विवाद मामले में सरकार के खिलाफ आर्बिट्रेशन केस जीत लिया है। इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के ओ.एन.जी.सी. के ब्लॉक से गैस निकालने के मामले में भारत सरकार का दावा खारिज कर दिया है।गैस विवाद में RIL की सरकार पर बड़ी जीत

सरकार के दावों को किया खारिज
ओ.एन.जी.सी. के के.जी. बेसिन फील्ड से गैस निकालने को लेकर सरकार और कम्पनी आमने-सामने थी। सरकार ने हर्जाने के तौर पर 1.55 अरब डॉलर का दावा किया था। ट्रिब्यूनल ने इसके साथ ही 83 लाख डॉलर (56.44 करोड़ रुपए) का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया है। स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी के अनुसार 3 सदस्यीय ट्रिब्यूनल में से 2 ने फैसले के पक्ष में राय जाहिर की थी जबकि एक इसके खिलाफ थे। कम्पनी के अनुसार इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने रिलायंस, बी.पी. और निको के समूह के पक्ष में फैसला सुनाया और भारत सरकार के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया।

सरकार देगी 56.44 करोड़ रुपए मुआवजा
रिलायंस ने कहा कि ट्रिब्यूनल ने समूह को 83 लाख डॉलर (56.44 करोड़ रुपए) का हर्जाना देने का आदेश भारत सरकार को दिया है। सिंगापुर के न्यायाधीश लारेंस बो की अध्यक्षता वाले मध्यस्थता अदालत ने सरकार की इस मांग को खारिज कर दिया कि रिलायंस और उसके भागीदारों ब्रिटेन की बी.पी.एल.सी. और कनाडा की निको रिर्सोसेज को गलत तरीके से ओ.एन.जी.सी. को आबंटित ब्लॉक से गैस निकालने के मामले में सरकार को भुगतान करना चाहिए। पहले दो न्यायाधीशों ने रिलायंस के पक्ष में निर्णय दिया और कहा कि रिलायंस ने हमेशा यह स्वीकार किया कि दोनों ब्लाकों में गैस का मार्ग जुड़ा हो सकता है पर दोनों के भंडारों के जुड़े होने की बात सिद्ध नहीं हुई है। न्यायमूर्ति सिंघवी ने उनसे असहमति जताई कि रिलायंस को अपनी ओर खिसक कर आई गैस को निकालने से पहले स्पष्ट रूप से अनुमति लेनी चाहिए थी।

नवम्बर 2016 में आया था मामला
सरकार ने अपने स्वामित्व वाली ओ.एन.जी.सी. के ब्लॉक से गैस निकालने के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज से 1.55 अरब डॉलर का कॉम्पेनसेशन मांगा था। इस संबंध में ऑयल मिनिस्ट्री ने कम्पनी को नोटिस भेजा था। ओ.एन.जी.सी. का यह ब्लॉक आंध्र प्रदेश के कृष्णा गोदावरी बेसिन में स्थित है जिससे रिलायंस 7 साल के दौरान निकली थी। ब्रिटेन के उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बर्नार्ड एडर को रिलायंस ने और उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जी.एस. सिंघवी को सरकार ने ट्रिब्यूनल में नामित किया है।

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