गुस्साए आदिवासियों ने थाने में लगाई आग, वाहनों को भी फूंका

शराब पीकर लौट रहे एक आदिवासी की पुलिस द्वारा की गई पिटाई के बाद पीड़ित युवक की मौत की अफवाह के बाद उग्र हुए आदिवासियों ने न केवल थाने में आग लगा दी बल्कि वहां खड़े सरकारी और अन्य कई वाहनो को भी जला दिया. सात घण्टे तक चले इस बवाल के बाद बड़ी मुश्किल से प्रशासन ने हालात पर काबू पाया. मिली जानकारी के अनुसार घटना शनिवार दोपहर 1.30 बजे की है. बताया जा रहा है कि पोठिया थाना क्षेत्र में दो आदिवासी गुरुवार को शराब पीकर लौट रहे थे.

इसी दौरान पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया और एक की जमकर पिटाई कर दी. पिटाई से युवक की हालत बिगड़ गई जिसके बाद हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया. शनिवार को यह अफवाह फैल गई कि युवक की मौत हो गई है. मौत की खबर सुनते ही सैकड़ों आदिवासी तीर- कमान लेकर पहुंचे और थाने में आग लगा दी.आदिवासियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हवा में आठ राउंड फायरिंग की. फायरिंग होते देख आदिवासी और उग्र हो गए.आदिवासियों ने थाने में आग लगा दी.

आग से दो सरकारी जीप, एक बोलेरो, 6 बाइक, थाना अध्यक्ष का रूम, रिकार्ड और कंट्रोल रूम जलकर राख हो गया. कहा जा रहा है कि आदिवासियों ने एक ASI को बंधक भी बना लिया था.उधर, आदिवासियों को उग्र होते देख सभी पुलिसकर्मी थाने को छोड़ फरार हो गए. उधर, शाम पांच बजे डीएम व प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने आदिवासियों को आश्वासन दिया कि युवक सही सलामत है.

एसडीओ मो. शफीक और डीपीआरओ मनीष कुमार ने शनिवार की रात सिविल ड्रेस में जाकर आदिवासियों से बातचीत शुरू की. मो. शफीक ने थोड़ी देर बाद अचानक माइक से घायल राजू की आवाज उसके परिवार को सुनाई. राजू हांसदा की मां ने उससे बात करने के बाद सुकून की सांस ली. एसडीओ मो. शफीक ने बताया कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण है.फिलहाल, घायल राजू सिलिगुड़ी स्थित नार्थ बंगाल मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती है. वहीं लोग पुलिस द्वारा आदिवासियों की बेवजह पिटाई को बर्बरता बता रहे थे.

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