गुलाम नबी आजाद ने बताया क्यों लिखी थी सोनिया गांधी को चिट्ठी ?

जुबली न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस में बदलाव और नए अध्‍यक्ष के लिए चुनाव कराने की मांग करने वाले वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिन 23 लोगों ने पत्र लिखा था, उनकी मंशा कांग्रेस को सक्रिय करने की थी।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस किसी की भी कांग्रेस के आंतरिक कामकाज में सच्ची रुचि है, वे हमारे प्रस्ताव को हर राज्य और जिला अध्यक्ष के रूप में चुने जाने का स्वागत करेंगे। हमारा मानना है कि पूरी कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव होना चाहिए। हम उन लोगों में से है जिन्होंने 1970 के बाद कांग्रेस बनाई। हमें उस वक्‍त पीड़ा होगी जिन्‍हें चुनावों के बारे में कुछ नहीं पता यदि वे आलोचना करेंगे।
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उन्होंने कहा- राहुल गांधी को शुरुआत में पत्र को लेकर आपत्तियां थीं। बाद में राहुल जी और सोनिया जी ने कहा कि चुनाव एक महीने में हो जाएं। मगर यह कोविड-19 के कारण संभव नहीं। इसलिए हमने सोनिया जी से निवेदन किया कि वह बतौर अध्यक्ष 6 महीने पद पर बने रहें।
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आजाद ने कहा कि जो लोग सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान कमेंट्री कर रहे थे, क्या यह अनुशासनहीनता नहीं है। जो लोग हमें पत्र लिखने को लेकर गालियां दे रहे थे, क्या वे अनुशासनहीन नहीं हैं। क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाना चाहिए। हमने तो किसी को गाली नहीं दी।
हम संदेह करते हैं कि आखिर आप किसके साथ हैं ?
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अभी हम विपक्ष में हैं। सत्ताधारी पार्टी बहुत मजबूत है। अगर कांग्रेस पार्टी को 50 साल विपक्ष में बैठना है तो CWC में चुनाव मत कराओ। मुझे इससे क्‍या फायदा है। हमारा रिश्ता गांधी परिवार से पारिवारिक है। ये चापलूस आज ज्‍यादा प्यारा हो गए। लीडर को कभी-कभी ठीक करने के लिए बोलना पड़ता है, वही लॉयल होता है। हम पर आरोप लगते हैं कि हम किसी और के साथ हैं। हम संदेह करते हैं कि आखिर आप किसके साथ हैं ?
लेटर लीक होने पर कहा- उसमें कौन सा नेशनल सीक्रेट था
इसके साथ ही कहा कि सोनिया गांधी ने बोला कि आपने लेटर लिखा मुझे कोई आपत्ति नहीं लेकिन लेटर लीक नहीं होना चाहिए था। भैया भारत देश में क्या लीक नहीं होता। उसमें कौन सा नेशनल सीक्रेट था। उन्होंने कहा कि, इंदिरा जी के समय में भी कैबिनेट की प्रक्रियाएं लीक हो जाया करती थीं। हमने नरसिम्हा राव को भी लेटर लिखा था कि आप PCC क्यों नहीं बना रहे हैं? उसके बाद हम चुनाव हार गए।
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