गर्भवती मां के पेट में ऐसे खेलते हैं बच्चे

गर्भवती मां बच्चे को 9 महीने तक अपने गर्भ में रखती है। मगर उसे ये तक नहीं पता होता है कि उसके गर्भ में पल रहा बच्चा कौन है, कैसा है और वह किस तरह दिख रहा होगा। सच कहूं तो इस दौरान हर मां ये जानने को उत्सुक होती है कि आखिर गर्भ में उसका बच्चा दिखता कैसा होगा। लेकिन विज्ञान और तकनीक ने आज सबकुछ संभव बना दिया है। अब लोग आज अल्ट्रासाउंड की मदद से गर्भ में पल रहे शिशु की हर गतिविधी पर नज़र रख सकते हैं।
गर्भवती मां के पेट में ऐसे खेलते हैं बच्चे
दरअसल, एक गर्भवती महिला को 4D Ultrasound स्कैन का इस्तेमाल कर अजन्में बच्चे को देखने और VR Experience (वर्चुअल रियलिटी का अनुभव) लेने का कुछ समय पहले एक आइडिया आया। इस विचार को उसने अपनी एक दोस्त को बताया। लेकिन समस्या थी कि आखिर यह संभव कैसे होगा? अपने अजन्में बच्चे को देखने में उनकी मदद कौन करेगा? इसके लिए उसने इंटरनेट को भी अच्छी तरह से खंगाल लिया, मगर कुछ भी पता नहीं चला। हालांकि, इस दौरान 3D स्कैन से देखे गये कुछ बच्चों की तस्वीर उस महिला ने इंटरनेट पर ज़रूर देखी।
यह दुनिया में पहली बार था, जब कोई इस तरह की करने की सोच रहा था। अतंत: उस महिला को Aava Medical Centre में एक डॉक्टर मिल गया, जिसे उसका यह आइडिया पसंद आया। उन लोगों ने फिर एक 4D Ultrasound Systems के मैनुफैक्चरर से भी कॉन्टेक्ट किया। बीते साल अगस्त में वो महिला Aava Medical Centre में 4D Ultrasound स्कैन के लिए गई। गर्भ में पल रहा बच्चा परफ़ेक्ट स्कैन के लिए थोड़ा बड़ा था। लेकिन एक घंटे में स्कैनिंग के जरिये काफ़ी मैटेरियल सामने आ गया। सबसे पहले उन्होंने दोस्त की मदद इस मैटेरिलय को 3D में बनाया और जिसके बाद 3D मॉडल का यह अनुभव बिलकुल तैयार था।
जैसे ही उस महिला ने पहली बार VR Glass पहना, ऐसा लगा जैसे सांसे थम गई हों। पहले 10 मिनट तक वो महिला फर्श पर बैठी हवा में तैरती अपनी बच्ची को देख रही थी। हालांकि, वह अवास्तविक था, मगर वह काफ़ी भावनात्मक, शांत और हृदयस्पर्शी था। एक मां के लिए वो जो एहसास था, उसे वो महिला बयां भी नहीं कर पा रही थी। इन तस्वीरों में आप भी देख सकते हैं कि वो कैसा नज़ारा रहा होगा।
वर्तमान में विज्ञान और तकनीक का विकास जिस तेज़ी से हो रहा है, हो सकता है भविष्य का अल्ट्रासाउंड यही हो। हो सकता है हम इंसान जल्द ही VR Experiences में अजन्में बच्चे से मिल पाएं? इसमें कोई दो राय नहीं कि भविष्य में ऐसी सेवा जल्द ही उपलब्ध होगी, जिसमें अजन्में बच्चे को स्पष्ट और सही तरीके से देखा जा सकेगा। हालांकि, ऐसा होने में अभी कई चरण के काम बाकी हैं।
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