तीन घंटे इंतजार करने के बाद भी नहीं आई एंबुलेंस तो गर्भवती महिला ने उठाया ये कदम

ऋषिकेश। चाहे कोई की भी सरकार आ जाए लेकिन आम आदमी को कभी राहत नहीं मिल सकती। उसकी परेशानियां कभी कम नहीं हो सकतीं। इसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में देखने को मिला जब लचर स्वास्थ्य सेवाओं के कारण एक गर्भवती महिला को तीन घंटों कर एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा। लेकिन एंबुलेंस नहीं आई और आखिरकार गर्भवती महिला को बाइक पर सवार होकर अस्पताल जाना पड़ा। गर्भवती महिला ने उठाया ये कदम

गर्भवती महिला ने तीन घंटे किया एंबुलेंस का इंतजार

ये मामला सिगड्डी निवासी अनीता देवी का है जिनको मंगलवार की रात करीब 7:00 बजे प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद पति मनोज ने आशा कार्यकत्री को बताया गया तो उसने पोखर खाल में 108 सेवा को फोन किया। फोन करने पर पता चला ये सेवा किसी और मरीज को लेकर गई है। इसके बाद शिवपुरी की 108 सेवा को सूचित किया गया।

इस बीच गर्भवती का दर्द असहनीय हो गया तो करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर गर्भवती को सड़क तक लाया गया। यहां वह तीन घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करती रहीं, मगर रात 11:00 बजे तक एंबुलेंस नहीं आई। जिसके बाद ग्राम प्रधान शशि देवी के पति कृष्णा नेगी ने गर्भवती को अपनी बाइक पर बैठाया और ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय के लिए निकल पड़े। जिसके बाद रात करीब 12 : 30 बजे गर्भवती अस्पताल पहुंचीं और पहुंचते ही उन्होंने दो मिनट बाद एक बेटी को जन्म दिया।

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हकीकत से अंजान है प्रशासन

ऐसी नाजुक हालात में गर्भवती महिला को इतनी देर एंबुलेंस का इंतजार करना और बाइक पर सवार होकर अस्पताल आना पड़ा। ऐसे में कुछ भी हो सकता था। क्या सिर्फ नाम के लिए प्रशासन ने आम लोगों के लिए हजारों की तादाद में एंबुलेंस सेवा चलाई है? दरअसल हकीकत कुछ और ही है। आम जनता की हालात में कोई सुधार नहीं आया है। हालांकि बाद में पता चला कि एंबुलेंस में कुछ खराबी आ गई थी। लेकिन चालक द्वारा किसी अन्य 108 सेवा को सूचित नहीं किया गया था, जो कि अपने आप में बहुत बड़ी लापरवाही है।

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