ऐसे ही नहीं निकलते किसी के आंसू, गरीबों की मसीहा थीं जयललिता

नई दिल्ली: छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जे.जयललिता अब नहीं रहीं। समर्थकों का रो-रोकर बुरा हाल है। ऐसे ही लोग जयललिता का नाम लेकर नहीं रो रहे हैं। उन्होंने तमिलनाडु के लिए जो किया वो अन्य राज्यों के लिए बहुत बड़ी मिसाल है।

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गरीबों की मसीहा थीं जयललिता

जयललिता ने राज्य के लिए ऐसी योजनाएं शुरू की,जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा। इसमें कन्या भ्रूण हत्या की समस्या से निपटने के लिए ‘क्रैडल टू बेबी स्कीम’, बच्चियों को जन्म देने वाली महिलाओं को मुफ्त सोने का सिक्का देने जैसी योजनाएं प्रमुख हैं।

जयललिता की ये शादी गिनीज बुक में हुई थी दर्ज

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उनकी इस योजनाओं के चलते ही लोग उन्हें प्यार से अम्मा कहकर पुकारने लगे थे।  उन्होंने ‘अम्मा ब्रांड’ के तहत लगभग 18 लोक कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की। “अम्मा” के नाम की सभी योजनाएं या तो पूरी तरह मुफ्त थीं, या फिर उसपर भारी सब्सिडी दी जाती थी।amma-1
इन योजनाओं में शहरी गरीबों के लिए मात्र 1 रुपए में भोजन उपलब्ध कराने के लिए ‘अम्मा कैंटीन’ प्रमुख थी। इसी तरह गरीबों के लिए उन्होंने ‘अम्मा साल्ट’, ‘अम्मा वाटर’ और ‘अम्मा मेडिसीन’ योजनाएं भी शुरू की थीं। जयललिता ने राज्य में ऑटोमोबाइल और आईटी जैसे क्षेत्रों में विदेश से निवेश भी आकर्षित किया।
ये हैं अम्मा की 18 स्कीमों के नाम- क्रैडल टू बेबी स्कीम, गोल्ड फॉर मैरिज स्कीम, अम्मा कैंटीन, अम्मा वाटर,अम्मा साल्ट, अम्मा मेडिसिन, अम्मा लेपटॉप, अम्मा बेबी केयर किट, अम्मा सीमेंट, अम्मा ग्राइन्डर, मिक्सी, टेबल फैन, अम्मा बीज, अम्मा सर्विस सेंटर, स्पेशल अम्मा कैंप, अम्मा मोबाइल, अम्मा फार्मेसी, अम्मा माइक्रो लोन स्कीम, अम्मा आरोग्य थित्तम, चीफ मिनिस्टर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंस्योरेंस स्कीम, अम्मा थिएटर प्रोजेक्ट, अम्मा जिम
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