क्या वजह जो नहीं मिला आडवाणी को लोक सभा का टिकट? 

 
 

2019 के इस लोक सभा चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी का टिकट काट दिया गया अब उनकी जगह भाजपा के राष्ट्रीय अध्य्क्ष अमित शाह को गाँधी नगर से प्रत्यासी बनाया गया है| भारतीय जनता पार्टी की नीव रखने वाले लाल कृष्ण आडवाणी ने भाजपा को अपना पूरा जीवन दे दिया अटल बिहारी बाजपाई के बहुत करीबी इस बुजुर्ग ने कभी सोचा भी नहीं होगा की कभी जो लोग  जुलुश में संख्या बढ़ने का काम करते थे आज वही घर का रास्ता दिखा देंगे| जिसका विरोध दूसरे दल बढ़ चढ़ के कर रहे है| व कह रहे है की मोदी की भाजपा में तानाशाही चल रही है|

जब से मोदी का युग शुरू हुआ तबसे आडवाणी की लोकप्रियता फीकी पड़ गई एक वक्त था जब नरेंद्र मोदी से अटल बिहारी बाजपाई ने स्तीफा देने को कह दिया था| तब आडवाणी ने ही मोदी की सिफारिश अटल बिहारी बाजपाई से की थी और वो मुख्यमंत्री बने रहे|  अटल सरकार में आडवाणी गृह मंत्री रहे व अटल के कंधे से कंधा मिलाकर हमेसा खड़े रहे|

 
साल 2009 में  भाजपा की कमान अडवानी के हांथो में थी मगर भाजपा की करारी हार ने आडवाणी की लोकप्रियता पे एक सवाल खड़ा कर दिया| जब आडवाणी ने राम मंदिर के लिए रथ  यात्रा निकाली तब भाजपा की लोक प्रियता हर जगह छा गई, मगर जिन्ना विवाद ने उन्हें हताश कर दिया जिसकी सफाई में उन्होंने कहा की हमने तो शांति अमन के लिए ऐसा किया मगर कही न कही वो क्षवि वापस न मिल सकी| वर्ष 2009 में उनको प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोसित किया गया मगर भाजपा के हिस्से में हार मिली| 

Back to top button