क्या यूरोपीय संघ ने चीन के दबाव में बदली आलोचना वाली रिपोर्ट?

न्यूज डेस्क

यूरोपीय संघ (ईयू) पर ऐसे आरोप लग रहे है कि उसने चीन के दबाव में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जो रिपोर्ट जारी की थी उसमें बदलाव किया है। फिलहाल इन आरोपों से ईयू ने इनकार किया है।

हाल ही में यूरोपीय संघ ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कहा गया था कि चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में सही समय में सही जानकारी नहीं दी और दुनिया को ग़ुमराह किया है।

यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। चीन के बारे उनकी रिपोर्ट चीनी दबाव में एडिट नहीं की गई है । इस बारे में यूरोपीय संसद में बॉरेल से तकरीबन एक घंटे तक सवाल पूछे गए।

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इससे जुड़ी ऐसी भी खबरें आई थी कि ईयू की मूल रिपोर्ट लीक हो गई थी और इसे एक अखबार ने प्रकाशित कर दिया था। बाद में चीन के दबाव में आकर चीन ने रिपोर्ट के कुछ हिस्सों में बदलाव किया और आलोचना कम की।

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि ईयू के अधिकारियों ने चीनी राजनयिकों के दबाव में आकर पूरी रिपोर्ट को दोबारा लिखा।

ईयू पर लग रहे इन आरोपों पर जोसेफ बॉरेल ने कहा कि हम चीन की आलोचना करने में घबराते नहीं है। उन्होंने कहा कि “रिपोर्ट का मूल रूप इसलिए बदला गया क्योंकि उनके कुछ सहकर्मी चाहते थे कि ‘शब्दों में किसी भी तरह की गड़बड़’ से बचा जाए।”

ईयू के विदेश नीति प्रमुख बॉरेल.

ईयू के विदेश नीति प्रमुख बॉरेल ने कहा, “हमने ये फैसला बिना किसी बाहरी या आंतरिक दबाव और दखल के लिया था। हम चीन की फैलाई गलत जानकारियों की आलोचना करने से जरा भी नहीं घबराते और ये सारी बातें रिपोर्ट में हैं।

रिपोर्ट में जो एक लाइन बदली गई वो पहले इस तरह थी- चीन ने संक्रमण फैलने का दोष कभी अपने ऊपर नहीं लिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि सुधारने की कोशिश करता रहा।

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जोसेफ बॉरेल ने ये स्वीकार किया कि रिपोर्ट लीक होने पर चीनी राजनयिकों ने यूरोपीय संघ पर दबाव डालने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने कोई बदलाव नहीं किया।

ईयू की रिपोर्ट का चीन ने किया था विरोध

कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की शुरुआत से कई तरफ से ऐसी मांग उठी थी कि अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं को चीन से यह मालूम करना चाहिए कि आखिर यह सब हुआ कैसे, लेकिन चीन इस तरह की किसी भी जांच का विरोध करता रहा है।

चीन अंतरराष्ट्रीय और स्वतंत्र जांच की मांग को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताता रहा है।

इसी क्रम में चीन ने यूरोपीय संघ के रिपोर्ट जारी किए जाने का भी विरोध किया था। हालांकि ईयू ने चीनी विरोध के बावजूद रिपोर्ट प्रकाशित कर दी थी।

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ईयू ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा था

यूरोपीय संघ की रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों की सेहत पर गंभीर खतरे को भांपकर भी चीन लोगों तक गलत सूचनाएं पहुंचाता रहा। चीन ने यूरोपीय संघ और अपने पड़ोसी देशों को भी कोरोना संक्रमण के बारे में सही जानकारी नहीं दी।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन संक्रमण फैलने का दोष अपने ऊपर लेने को तैयार नहीं है। चीन की सरकारी मीडिया उन सभी रिपोर्टों और खबरों को सेंसर कर रही है जिनमें कहा गया है कि संक्रमण फैलने की शुरुआत वुहान से हुई।

ईयू की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन उन रिपोर्टों को बढ़ावा देता रहा है जिनमें कहा गया है कि कोरोना संक्रमण का सम्बन्ध अमरीकी सेना से है।

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