क्या उपचुनाव में कामयाबी दिला पाएगा कमलनाथ का नया अवतार

जुबली न्यूज़ डेस्क
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा की 27 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। उपचुनाव को लेकर सूबे में राजनीतिक दल और नेता पूरे दमखम से तैयारियों में जुटे हैं। यह चुनाव कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ के लिए सबसे ज्यादा अहम माना जा रहा है। दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगावत के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़े बदलाव संभावनाएं बन गई हैं।
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के दलबदल के समय 22 सीटें एक साथ कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफा देने से खाली हुईं। बाद में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कांग्रेस के तीन और विधायकों का इस्तीफा कराया।
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इस तरह कुल 27 सीटों पर उपचुनाव होगा। राज्य सरकार में 14 ऐसे मंत्री हैं, जो अभी विधायक नहीं हैं। उनको छह महीने के अंदर विधायक बनना होगा। इसलिए भी माना जा रहा है कि सितंबर में उपचुनाव होंगे, जिन्हें मिनी विधानसभा चुनाव कहा जा रहा है।
इस मिनी चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व कमलनाथ करेंगे। उन्होंने तय किया है कि वे हिंदू प्रतीकों से यह चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने उपचुनावों का जो अभियान प्लान किया है उसमें कमलनाथ को अर्जुन की तरह दिखाया गया है।
इसके अलावा भी उन्होंने पिछले कुछ दिनों में अपने को हिंदू नेता के रूप में बदला है। उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास का खुल कर समर्थन किया और भूमिपूजन के लिए चांदी की ईंटें भी भेजीं। उन्होंने उस मौके पर अपने आवास पर हनुमान चालीसा का पाठ भी कराया और हिंदू भक्त की वेशभूषा में अपनी तस्वीरें भी जारी कराईं। यह भाजपा के कोर वोट में सेंध लगाने का प्रयास है।
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हालांकि यह नहीं कहा जा सकता है कि इसमें कितनी कामयाबी मिलेगी। उनके इस प्रयास का कांग्रेस के अंदर ही विरोध हो रहा है पर कम से कम उपचुनाव में वे यह दांव आजमाएंगे। उनको और उनके समर्थकों को लग रहा है कि इसी विधानसभा में उनके फिर से मुख्यमंत्री बनने का योग है।
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