क्या आप जानते है किन स्थिति में करवाना चाहिए कोरोना का टेस्ट, पढ़े पूरी खबर…..

भारत में कोरोना वायरस बड़ी तेज़ी से फैलता जा रहा है ऐसे में हर व्यक्ति इसके संक्रमण से संक्रमित न हो इस असामंजस्य की स्थिति में है कोरोना वायरस के डर के साथ, अलग-अलग तरह की भ्रांतियां भी फैली हुई हैं। जिससे, लोगों की चिंता और घबराहट और अधिक बढ़ रही हैं। इसे ही दूर करने के लिए आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है उन सथियो के बारे में जिन पर आपको कोविड-19 का टेस्ट करवाने की जरुरत होगी साथ ही हम आपके साथ ये भी शेयर करने जा रहे है की किसी कोरोना पीड़ित मरीज के ठीक होने के बाद भी क्या संक्रमण फ़ैल सकता है या नहीं?,तो देर किस बात की है आइये जानते है इसके बारे में। …

ध्यान देने वाली बात है की अगर आपको हल्का बुखार या खांसी है, गला ख़राब है तो, उसके बावजूद कोरोना टेस्ट कराने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। जी हां, इन दोनों हेल्थ प्रॉब्लम्स के साथ, 2 स्थितियों का ध्यान में रखते हुए नोवेल कोरोना का टेस्ट कराया जाता है। जैसे, क्या बीमार व्यक्ति ने पिछले 14 दिनों में कोई विदेश यात्रा की है। खासकर, उन देशों में जो कोरोना वायरस प्रभावित हैं।दूसरा, क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आए हैं, जिसे लैब टेस्ट में कोविड-19 यानि कोरोना वायरस पॉजिटिव बताया गया है।

सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की यह एक वायरल इंफेक्शन है। लेकिन एच1एन1 औऱ स्वाइन फ्लू जैसे इंफेक्शन्स से अलग भी है। लेकिन, एक बार जब कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाता है। तो, इसके दोबारा होने की संभावना भी बहुत अधिक बढ़ जाती है। क्योंकि, इंफेक्शन होने पर शरीर में मौजूद एंटी-बॉडीज़ इंफेक्शन से बचने और उसके प्रभाव को कम करने के लिए काम करती हैं। इसीलिए, अगर किसी व्यक्ति को नोवेल कोरोना वायरस इंफेक्शन का इलाज करने के बाद स्वस्थ घोषित किया जाता है। तो, उसके बाद भी अगर दोबारा यह इंफेक्शन हुआ तो, वह माइल्ड या कमज़ोर होगा।

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