क्या अस्थमा के मरीजों के लिए एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी जोखिम पैदा कर सकते हैं?

अस्थमा फेफड़ों से जुड़ी एक आम बीमारी है। अस्थमा अटैक को कई तरह की चीजें ट्रिगर कर सकती हैं। तो क्या अस्थमा के मरीजों के लिए एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी जोखिम पैदा कर सकते हैं?

 अस्थमा श्वसन से जुड़ी एक आम स्थिति है, जिससे दुनियाभर के लाखों लोग जूझ रहे हैं। अस्थमा के मरीज अटैक के डर से अक्सर फिजिकल एक्टिविटी या वर्कआउट से बचते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स के मानें तो सही तरह की एक्सरसाइज अस्थमा के मरीजों को फायदा पहुंचा सकती है।

डॉक्टर से सलाह करना है जरूरी

किसी भी तरह की एक्सरसाइज या फिर फिजिकल एक्टिविटी से पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर कर लें। ताकि अस्थमा को मैनेज करने का सही प्लान बन सके। आपके डॉक्टर आपको एक्सरसाइज से पहले वॉर्म अप और बाद में कूल डाउन करने का तरीका सुझाएंगे। साथ ही ठंडी हवा, पोलन या प्रदूषण जैसे ट्रिगर्स से कैसे बचा जा सकता है।

एक्सरसाइज से हो सकता है फायदा

डॉक्टर्स का कहना है कि रोजाना एक्सरसाइज करने से अस्थमा के मरीजों को फायदा पहुंच सकता है। इससे फेफड़े मजबूत होते हैं, अस्थमा के लक्षण कम होते हैं और जिंदगी बेहतर होती है।

हाई इंटेंसिटी वर्कआउट से बचना चाहिए

यह जानना जरूरी है कि हर अस्थमा के मरीज को हर एक्सरसाइज अलग तरह से प्रभावित कर सकती है। दौड़ लगाना या फुटबॉल-बास्केटबॉल खेलना लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए चलना, साइकलिंग, तैरना या फिर योग जैसी हल्की एक्सरसाइज ही चुनें।

एक्सरसाइज करें लेकिन सतर्क भी रहें

साथ ही अस्थमा के मरीजों के लिए जरूरी है कि वे एक्सरसाइज करते वक्त चौकन्ने रहें ताकि अटैक से बचें। खांसी, सांस में दिक्कत या फिर सीने में जकड़न महसूस होने पर वर्कआउट रोक दें और ब्रेक लें।

यानी अस्थमा के मरीजों के लिए फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज कई तरह से फायदा पहुंचा सकती हैं। हालांकि, उन्हें अपने ट्रिगर पॉइन्ट्स और टाइप पर एक्सरसाइज पर ध्यान देने की जरूरत होती है।

Back to top button