कोलकाता पुल हादसे के बाद ममता को घेरने वाले PM मोदी मुंबई में पुल गिरने पर ख़ामोश क्यों हैं?

मुंबई में गुरुवार शाम छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसटी) स्टेशन के पास फुटओवर ब्रिज गिरने से मलबे में दबकर 3 महिलाओं समेत 6 लोगों की मौत हो गई जबकि 36 लोगों के घायल हो गए। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जो अपनी ज़िंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
इस हादसे के बाद महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार अपना बचाव करने के लिए हादसे का शिकार हुए लोगों को ही ज़िम्मेदार बता रही है। बीजेपी की प्रवक्ता संजू वर्मा का कहना है कि इस हादसे के लिए व्यवस्था नहीं बल्कि ब्रिज पर चलने वाले लोग जिम्मेदार हैं।
एक समाचार चैनल पर डिबेट के दौरान BJP प्रवक्ता संजू वर्मा ने मुंबई फुटओवर ब्रिज गिरने की घटना को ‘प्राकृतिक आपदा’ बता दिया। प्रवक्ता ने कहा कि, “लोगों को मालूम था कि फुटओवर ब्रिज पर काम चल रहा है इसके बावजूद लोग ब्रिज पर गए और यह हादसा हो गया। यह एक प्राकृतिक आपदा है”।
बीजेपी नेता के इस बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यह वीडियो कोलकाता में माझेरहाट पुल हादसे के बाद का है। वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे तौर पर पुल हादसे के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं।
पीएम मोदी एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहते हैं, “इस पुल के गिरने में भगवान का संदेश है, वह यह बताना चाहता है कि आपने जो सरकार चुनी है वह पुल की तरह ही पश्चिम बंगाल को तोड़ देगी”।
पत्रकार उमाशंकर सिंह ने भी पीएम मोदी के इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने इसे शेयर करते हुए लिखा, “ये बोल तो पश्चिम बंगाल में गिरे पुल के लिए था। क्या मुंबई में गिरे पुल के लिए भी मोदी ऐसा ही बोलेंगे? सवाल है कि कोई प्रधानमंत्री इतना असंवेदनशील कैसे हो सकता है?”

जो ब्रिज गिरा वो नेहरू के ज़माने का था। pic.twitter.com/Xakl9MJf89
— Umashankar Singh (@umashankarsingh) March 15, 2019

बताया जा रहा है कि मुंबई में हुआ यह हादसा ब्रिज पर ओवरलोडिंग की वजह से हुआ। बीएमसी आपदा नियंत्रण ने कहा,  “यह घटना गुरुवार शाम 7.35 पर तब घटी, जब पुल पर जरूरत से ज्यादा लोगों का वजन बढ़ गया”। बता दें कि पिछले 18 महीनों में शहर में फुटओवर ब्रिज गिरने गिरने की यह तीसरी घटना है।
इसके साथ ही यह बात भी सामने आई है कि बीएमसी ने तीन दशक पुराने इस ब्रिज का छह महीने पहले ही निरीक्षण किया था, जिसमें ब्रिज को इस्तेमाल के लिए सेफ़ बताया गया था।

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