कोरोना से जंग : यूपी की जेलों में कैदियों ने दस दिन में बनाये इतने लाख मास्क

 
अब सेनेटाइजर भी बनाने का काम हुआ शुरू
लखनऊ। कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के मद्देनजर जहां लोगों से सुरक्षा बरतने की अपील की जा रही है वहीं मास्क और सेनेटाइजर की बढ़ती मांग को लेकर इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। राज्य के​ जिला कारागारों में भी बन्दी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मास्क बनाकर एक रक्षक की भूमिका अदा कर रहे हैं। बीते दस दिनों में प्रदेश के विभिन्न कारागारों में एक लाख से अधिक मास्क बनाये जा चुके हैं।
डीजी जेल आनंद कुमार के मुताबिक, कोरोना वायरस से बचाव व सुरक्षा को लेकर राज्य की ​जेलों में भी बंदियों से मास्क बनाने की मदद ली जा रही है। पिछले दस दिनों में राज्य की 71 जेलों में से 63 में से 1,24500 से अधिक मास्क की सिलाई करके रिकॉर्ड बनाया गया है। इसके साथ ही कुछ कारागारों में अब सेनेटाइजर भी बनाए जा रहे हैं।
डीजी जेल आनंद कुमार कहते हैं कि अब हम लागत मूल्य के आधार पर सरकार, गैर सरकारी संगठनों और सामान्य आबादी को मास्क की आपूर्ति करने की स्थिति में हैं। कारागारों में निरुद्ध बंदियों ने सेवा की भावना के साथ देश के लिए यह सराहनीय काम किया है। इतने कम समय में सवा लाख से अधिक मास्क तैयार करना आसान काम नहीं है। परीक्षा की इस घड़ी में जो योगदान जेल के बंदियों ने दिया है, उसके लिए हम उन्हें सैल्यूट करते हैं। खास बात है कि बंदियों ने यह काम तब किया है जब उनके पास इसका कोई अनुभव नहीं था। इसके सीखते हुए इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में इसे बनाना बेहद सराहनीय है।
योगी सरकार ने बीते दिनों से नोएडा तथा गाजियाबाद में लॉकडाउन के कारण बंद पड़े मास्क व सेनेटाइजर बनाने वाले कारखानों को चालू कराने का भी काम किया है। इसके अलावा लखनऊ एवं कानपुर में मास्क व सेनेटाइजर बनाने वाली इकाइयों को भी शुरू कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रमख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन डॉ. नवनीत सहगल के मुताबिक, वश्यक वस्तु निर्माण में जुटी इकाइयों की सुविधा के लिए एक हेल्पलाइन नम्बर 9415467934 भी जारी किया गया है। इनमें दवायें, मास्क, सेनेटाइजर, खाने-पीने एवं आवश्यक वस्तुएं बनाने वाली इकाइयां प्रमुख रूप से शामिल हैं। नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर और लखनऊ में इकाइयों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। लगभग 33 नये लाइसेंस आबकारी विभाग द्वारा जारी किये गये हैं, जिससे हैण्ड सेनेटाइजर बनाने का कार्य आरम्भ हो गया है या इकाइयों ने अपनी क्षमता में वृद्धि कर ली है।

Back to top button