कोरोना से जंग में योद्घा बने अफसर

कोरोना में जंग में प्रदेश के हर शख्स की अपनी भूमिका है बावजूद कुछ लोग ऐसे भी हैं जो लगातार इस बीमारी से निबटने के लिए लगातार नई कार्ययोजना बनाने और उसे अमल में लाने में व्यस्त है. ये उत्तर प्रदेश सरकार के वे अफसर हैं जो इस वैश्विक बीमारी से जनता को बचाने के लिए दिनरात एक किए हुए हैं. ऐसे ही अफसरों के कामकाज पर पेश है एक रिपोर्ट-
आर. के. तिवारी- यूपी के मुख्य सचिव और 1985 बैच के आइएएस अफसर. आर. के. तिवारी लोकभवन के एक ब्लाक के पहले तल पर बैठते हैं. यह लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं. केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों को प्रदेश में लागू करने के मुख्य अधिकारी. तिवारी की अध्यक्षता में बनी राज्य सरकार की एक कमेटी संबंधित विभागों के मुखिया के साथ कोरोना की रोकथाम के प्रयासों पर नजर रखेगी. इसके साथ यह कमेटी सभी महकमों के साथ सम्न्वय बनाकर अपेक्षित जरूरतों को भी पूरा करेगी.

आलोक टंडन- यूपी के औद्योगिक विकास आयुक्त के पद पर तैनात आलोक टंडन 1986 बैच के आइएएस अफसर हैं. टंडन उस सरकारी कमेटी के मुखिया है जिसपर उद्योगों में काम कर रहे श्रमिकों के मानदेय, कर्मचारियों के वेतन और मजदूरों के भरण पोषण की निगरानी करने का जिम्मा है. लॉकडाउन की स्थिति में उद्योगों की चुनौतियों पर नजर रखते हुए इनकी चुनौतियों ने निबटने की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर टंडन मुख्यमंत्री को सौंपेंगे.

अवनीश कुमार अवस्थी-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे करीबी अधिकारियों में शुमार वर्ष 1987 बैच के आइएएस अधिकारी अवनीश कुमार अधिकारी यूपी में गृह और सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. लॉकडाउन में लोगों को घरों से न निकलने देने के साथ प्रदेश में बाहर से आए लोगों की निगरानी की उचित व्यवस्था करने की जिम्मेदारी अवस्थी के ऊपर है. इसके अलावा यह गृह विभाग के अधिकारियों के साथ लगातार सामंजस्य बनाकर मुख्यमंत्री को जरूरी फीडबैक देने की जिम्मेदारी भी इनपर है.

हितेश चंद्र अवस्थी-यूपी के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी वर्ष 1985 बैच के आइपीएस अफसर हैं. पुलिस विभाग के मुखिया के रूप में प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति को सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी है. जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ सामंजस्य बनाकर जमीनी स्तर पर आने वाली दिक्कतों को दूर करना और ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों को होने वाली समस्याओं पर नजर रखते हुए शासन के साथ सामंजस्य बनाकर उन्हें दूर करवाना हितेश चंद्र अवस्थी के जिम्मे है.

एस.पी. गोयल-मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात प्रमुख सचिव एस.पी. गोयल वर्ष 1989 बैच के आइएएस अफसर हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए निर्णयों को तुरंत संबंधित विभागों तक पहुंचाकर उन्हें लागू करवाने और फॉलोअप की जिम्मेदारी एस. पी. गोयल पर है. लॉकडाउन की स्थिति में बेरोजगार हुए श्रमिकों के लिए भरण-भोषण भत्ता से जुड़े नियमकानून बनवाने में गोयल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मुख्यमंत्री कार्यालय के अन्य अधिकारियों के साथ सामंजस्य बनाकर कोरोना से निबटने में लगे सभी विभागों की कार्यवाहियों पर नजर रखना भी गोयल के जिम्मे है.

अमित मोहन प्रसाद-स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद वर्ष 1989 बैच के आइएएस अफसर हैं. कोरोना से निबटने के लिए जरूरी गाइडलाइन तैयार कर उसे जारी करने की जिम्मेदारी इनपर है. सरकारी अस्पतालों में कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए हर संभव मदद मुहैया कराना और स्वास्थ्य विभाग में कोविड-19 निरोधक कार्रवाई की निगरानी करते हुए इनको लगातार विस्तार देते रहना अमित मोहन प्रसाद के ही जिम्मे है.

देवेश चतुर्वेदी-वर्ष 1989 बैच के आइएएस अधिकारी देवेश चतुर्वेदी उत्तर प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव कृषि के पद पर तैनात हैं. लॉकडाउन की अवधि में आवश्यक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है. इसके अलावा पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था करना भी कृषि विभाग के जिम्मे है. किसानों की फसल को बेचने की उचित व्यवस्था करना और किसानों से जुड़ी योजनाओं के पालन में आने वाली दिक्कतों को दूर करना देवेश चतुर्वेदी के जिम्मे है.

मृत्युंजय कुमार नारायण- कोरोना से बचाव के प्रयासों में मदद के लिए केंद्रीय संयुक्त सचिव, ऊर्जा मृत्युंजय कुमार नारायण केंद्र सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश के नोडल अधिकारी बनाए गए हैं. यूपी में मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात रहे वर्ष 1995 बैच के आइएएस अधिकारी म़त्युंजय को अन्य अफसरों के साथ तालमेल मिलाकर केंद्र सरकार की तरफ से जारी हो रहे दिशा निर्देशों का पालन कराने की जिम्मेदारी भी है.

शिशिर-पीसीएस अफसर से प्रमोशन पाकर शिशिर वर्ष 2013 बैच के आइएएस अफसर बने हैं. इस वक्त निदेशक सूचना के पद पर कार्यरत हैं. लॉकडाउन से जुड़े सरकारी निर्देर्शों का प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया के साथ अन्य साधनो से प्रचार प्रसार करवाने की जिम्मेदारी. मीडिया से जुड़े लोगों को कवरेज के दौरान कठिनाईयों को दूर करवाने का जिम्मा.

 
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