कोरोना से जंग में दक्षिण कोरिया सबसे आगे, काम कर रहा ये तरीका

सियोल.
वर्ल्थ हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार अबतक 188 देश कोरोना वायरस की चपेट
में हैं.वहीं दक्षिण कोरिया इस वायरस से जंग जीतता दिख रहा है. जानें, क्या
है इसकी वजह. ये है कि वहां पर बायोटेक इंडस्ट्रूी काफी बेहतर ढंग से काम
कर रही है, जिसका नेतृत्व कई वैज्ञानिक मिलकर कर रहे हैं.

जब चीन के
वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस का जीन सिक्वेंस जारी किया, तभी से दुनियाभर
के वैज्ञानिक खोज में जुट गए. साउथ कोरिया भी इनमें से एक था. लेकिन वहां
के वैज्ञानिकों का बीमारी के लिए अप्रोच थोड़ा अलग रहा.

सीधे वैक्सीन
तैयार करने या फिर दवा खोजने की जगह वहां पर वैज्ञानिकों ने टेस्ट की
तैयारी शुरू कर दी. इनके अनुसार ही बायोटेक कंपनियों ने टेस्ट किट तैयार
कीं और अब ये देश एक रोज में लगभग 20 हजार या उससे भी ज्यादा की आबादी का
कोरोना वायरस टेस्ट कर सकता है.

Kim के अनुसार
दक्षिण कोरिया में जगह-जगह टेस्ट सेंटर खोले गए हैं, जहां लोग खुद पहुंच
सकते हैं. जांच की पूरी प्रक्रिया मुफ्त है. और जैसे ही किसी के कोरोना
पॉजिटिव होने की पुष्टि होती है, तुरंत आइसोलेशन और इलाज शुरू हो जाता है.

यहां तक कि
फरवरी की शुरुआत में ही सरकार ने उन सभी लोगों की आईडी, क्रेडिट-डेबिट
कार्ड की रसीद और दूसरे प्राइवेट डाटा निकाल लिया जो वायरस से संक्रमित पाए
गए और उनके जरिए उनके संपर्क में आए सभी लोगों की पहचान की जाने लगी.

इससे इस बात पर
भी ट्रैक रखा जा सका है कि कोरिया में वायरस के फैलने की रफ्तार कितनी है
और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है. प्राइवेट डाटा लेने के मामले में
हालांकि कई लोगों ने आपत्ति जताई लेकिन इसका दूसरा पक्ष भी रहा. वैज्ञानिक
खुद मानते हैं कि किसी व्यक्ति या शहर से सुरक्षा से ज्यादा जरूरी देश की
सुरक्षा है.

Back to top button