कोरोना संकट को देखते हुए RBI का बड़ा ऐलान, रेपो रेट में 0.75 फीसदी की हुई कटौती- EMI होगी सस्ती

मुंबई: पूरी दुनिया इस समय कोरोना की महामारी से जूझ रही है। इससे देश की इकॉनमी पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे समय में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। उन्होंने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती का ऐलान किया। दास की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे वक्त में हो रही है, जब एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था। रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को घटाकर 4.40 फीसदी कर दिया है। इससे लोन लेने वालों की ईएमआई सस्ती होगी। MPC ने 4:2 के अनुपात में रेट कटौती का फैसला लिया है। RBI ने LAF में भी 0.9 फीसदी की कटौती की घोषणा की है। अब LAF घटकर 4 फीसदी हो गया है।
आरबीआई ने कहा है कि उसका फोकस आर्थिक स्थिरता पर है और विश्व के कई देश कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहे हैं। भारत में लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप हैं लेकिन आरबीआई का ध्यान लोगों को राहत दिलाने पर है। लिहाजा आरबीआई ने ये बड़े फैसले लिए है।
इससे पहले फरवरी की क्रेडिट पॉलिसी में रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। आरबीआई ने ब्याज दरों को स्थिर रखा था। मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में बदलाव करने के पक्ष में नहीं थे। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 5.15, रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी, एमएसएफआर 5.40 फीसदी और बैंक रेट 5.40 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा था। RBI ने CRR 4 फीसदी और SLR 18.5 फीसदी पर बनाए रखने की घोषणा की थी।।
बता दें कि RBI की पिछली 6 मौद्रिक नीति की बैठक में से 5 में नीतिगत दरों में बदलाव हो चुका है। वहीं फरवरी में ब्याज दरों को लेकर हुई सातवीं बैठक में भी ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लिया गया था।
क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिस दर पर रिजर्व बैंक दूसरे व्यवसायिक बैंक को कर्ज देता है। व्यवसायिक बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेकर अपने ग्राहकों को लोन ऑफर करते हैं। रेपो रेट कम होने से आपके लिए लोन की दरें भी कम होती हैं। वहीं रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को रिजर्व बैंक में जमा उनकी पूंजी पर ब्याज मिलता है।

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