कोरोना वायरस के कारण बंद पड़ा काम, यौन कर्मियों को सता रहा भुखमरी का डर
नई दिल्ली: इस समय पूरा देश कोरोना को कोहराम से जूझ रहा है। इसके कारण देश की सभी मॉल, सिनेमाघर, बड़े बाजार बंद हैं। एक तरफ लोगों को अपनी मौत का डर सता रहा है। वहीं, दूसरी तरफ एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया उत्तर कोलकाता के सोनागाछी की एक लाख से अधिक यौन कर्मियों के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं और उन्हें भुखमरी का डर सता रहा है क्योंकि कोरोना वायरस के कारण उनका धंधा बंद पड़ा है।
राज्य के यौन कर्मी संगठन दरबार महिला समन्वय समिति सरकार से बातचीत कर रहा है कि उन्हें असंगठित क्षेत्र के कामगारों का तमगा दिया जाए ताकि उन्हें निशुल्क राशन मिल सकें। इस संगठन में 1,30,000 से अधिक पंजीकृत सदस्य हैं। एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार निशुल्क राशन यौन कर्मी को देने पर विचार कर रही है। दरबार की एक पदाधिकारी महाश्वेता मुखर्जी ने कहा, ‘पिछले पांच दिन से हमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से परेशानी वाले फोन आ रहे हैं। यौन कर्मी भुखमरी की आशंका से उन्हें बचाने के लिए कुछ करने को कह रही हैं। ज्यादातर यौन कर्मियों के पास भोजन खरीदने के पैसे नहीं हैं क्योंकि कोरोना वायरस के कारण पिछले 20-21 दिन से उनका काम ठप पड़ा है।’
मुखर्जी ने कहा कि एड्स के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली सोनागाछी की यौन कर्मियों के लिए यह देखना दुखद है कि अब वे इस महामारी के दौरान इतनी गंभीर स्थिति का सामना कर रही हैं। एक एनजीओ सोनागाछी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसआरटीआई) ने कहा कि दरबार ने इन लोगों की मदद के लिए रणनीति बनाई है।
एनजीओ के प्रबंध निदेशक समरजीत जाना ने बताया, ‘सबसे पहले हमने महिला एवं सामाजिक कल्याण मंत्री शशि पांजा से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि असंगठित क्षेत्र को राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले लाभ यौन कर्मियों को भी मिलें। दूसरा हम मकान मालिकों से इस महीने का किराया माफ करने के लिए बात कर रहे हैं। तीसरा हम मदद के लिए कई जानी मानी हस्तियों और एनजीओ को पत्र लिख रहे हैं।’ सोनागाछी की 30,000 से अधिक यौन कर्मी किराये के मकान में रहती हैं और उनका किराया हर महीने पांच से छह हजार रुपये तक होता है।