कोरोना वायरस की वजह से खुब चमका सोना, तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड

वित्त-वर्ष 2019-20 में सोने ने अपनी खूब चमक बिखेरी. भले ही इस दौरान मंदी की आहट ने शेयर बाजार को तोड़कर रख दिया है. जैसे-जैसे जीडीपी गिरती गई, लोगों का सोने में निवेश बढ़ता गया. और अब कोरोना वायरस की वजह से सोने में निवेश सबसे सुरक्षित विकल्प बन गया है.

दरअसल, निवेश के मामले में फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में गोल्ड की चमक सब पर भारी पड़ी है. पहले आर्थिक सुस्ती और अब कोरोना के असर से सोने की कीमतें बेलगाम भाग रही हैं. वित्त साल के पहले 9 महीनों में जिस रफ्तार से सोने के दाम बढ़े हैं, उसके मुकाबले इस जनवरी से मार्च के बीच दाम ज्यादा तेजी से बढ़े हैं. 6 मार्च को सोने ने ऐतिहासिक 45000 रुपये प्रति 10 ग्राम को टच कर लिया.

दरअसल वित्तीय वर्ष 2019-2020 में एमसीएक्स पर सोना 11 हजार रुपये से ज्यादा महंगा हो चुका है. वहीं साल 2020 में सोना करीब 4000 रुपये महंगा हो चुका है. 31 दिसंबर को ये 39,108 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर एमसीएक्स पर बंद हुआ था. वित्त साल के अंत में सोना 43 हजार रुपये के ऊपर बना हुआ है.

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एक्सपर्ट आगे भी इसमें तेजी बने रहने की बात कह रहे हैं. जानकारों के मुताबिक कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता जताई जा रही है. कोरोना वायरस की वजह से भारतीय शेयर बाजार में करीब 30 फीसदी की कटौती हो चुकी है. ऐसे में सोने में निवेश भरोसेमंद बन जाता है.

दरअसल, आर्थिक सुस्ती के माहौल में सोना हमेशा ही निवेशकों की पहली पसंद बन जाता है, इसमें लगाए गए पैसे के डूबने की आशंका ना के बराबर होती है. अक्सर निवेश के दूसरे विकल्पों के मुकाबले इसमें सबसे ज्यादा रिटर्न मिलने की भी उम्मीद होती है.

वैसे भारत में गोल्ड ज्वेलरी खरीदने की वर्षों पुरानी परंपरा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में फिजिकिली गोल्ड खरीदने के बजाय लोग गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश को चुन रहे हैं, जनवरी 2020 में गोल्ड ETF में शुद्ध निवेश 200 करोड़ रुपये रहा, जो कि 7 साल का सबसे ऊंचा स्तर है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि आने वाले दिनों में गोल्ड ETF बेहतर रिटर्न देने वाला निवेश साबित होगा.

 

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