कोरोना महामारी के बीच एक अनोखी प्रेम कहानी

न्यूज डेस्क
एक ओर जहां कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों को खासकर बुजुर्गोंं को घर में रहने की सलाह दी जा रही है तो वहीं जर्मनी और डेनमार्क के दो बुजुर्ग को किसी की परवाह नहीं है। न तो उन्हें कोरोना वायरस का ङ्क्षचंता है और न ही बंद सीमा की।
देश-दुनिया की तमाम चिंताओं से दूर जहां जर्मनी के 89 साल के कार्स्टन ट्यूखसेन रोज साइकिल से जर्मन-डेनिश सीमा की ओर निकल पड़ते हैं तो वहीं डेनमार्क की 85 साल की इंगा रासमुसेन अपनी कार से। कोरोना महामारी की वजह से सीमाएं बंद हैं, बावजूद ये दोनों हर रोज यूं मिल रहे हैं।
89 साल के कार्स्टन ट्यूखसेन जर्मनी में रहते हैं और उनकी प्रेमिका 85 साल की इंगा रासमुसेन डेनमार्क में। कोरोना वायरस के कारण जब से जर्मनी और डेनमार्क का बॉर्डर बंद हुआ है, तब से इंगा और कार्स्टन हर दिन सीमा पर इसी तरह मिलते हैं।
जब से जर्मनी और डेनमार्क ने अपना बार्डर बंद किया है तब से इंगा हर दिन दोनों के लिए लंच बनाती हैं। लंच के साथ एक थर्मस में कॉफी और एक कुर्सी लेकर बॉर्डर की तरफ निकल पड़ती हैं। इंगा कार से आती हैं और कार्स्टन अपनी इलेक्ट्रिक साइकिल से।
बैरियर से बंद सीमा पर पहुंचकर ये दोनों आराम से अपनी कुर्सी लगाते हैं और खाने-पीने के साथ वे एक दूसरे की कंपनी का आनंद लेते हैं। दोनों कॉफी और स्थानीय पेय जीले कोएम के कप को उठाकर एक दूसरे की तरफ चीयर्स भी करते हैं।
ये भी पढ़े :  पूरी दुनिया को ‘अनगिनत’ चुनौतियां देकर जायेगा कोरोना

दोनों को याद है कि 13 मार्च 2019 के बाद से दोनों हर दिन एक दूसरे के साथ रहे। फिलहाल बॉर्डर का बैरियर दोनों को खल रहा है। इंगा और कार्स्टन को उम्मीद है कि ईस्टर तक सीमा खुल जाएगी और वे फिर एक दूसरे के साथ घूम सकेंगे।
दरअसल 14 मार्च को डेनमार्क ने जर्मनी के साथ लगने वाली अपनी सीमा का ज्यादातर हिस्सा बंद कर दिया है। दो दिन बाद जर्मनी ने भी सीमा बंद कर दी। तब से इंगा और कार्स्टन एवेनटॉफ्ट इलाके में यूं ही मिलते हैं। इस दौरान दोनों को बीच की दूरी बरकरार रखनी पड़ती है।
जब तक बॉर्डर बंद नहीं था, तब तक दोनों पेंशनर मुलाकात के दौरान एक दूसरे को गले लगाते थे और चूमते थे। वेब पोर्टल डी डब्ल्यू हिंदी के अनुसार, इंगा कहती हैं, “यह दुखद है लेकिन हम इसे बदल नहीं सकते।” बॉर्डर बंद होने के बाद से दोनों फोन पर भी खूब बात करते हैं और मुलाकात से जुड़ी चीजें तय करते हैं।
दो साल पहले इंगा और कार्स्टन की मुलाकात एक संयोग से हुई थी। इंगा के पति का निधन हो चुका था और कार्स्टन की पत्नी भी दुनिया को अलविदा कह चुकी थीं। अकेले रहते दोनों बुजुर्ग एक दूसरे से बातचीत करने लगे। इसी बीच कार्स्टन ने इंगा को फूल भेंट किए। कार्स्टन किसी और महिला के लिए फूल लेकर गए थे, लेकिन संयोग उस दिन किसी और चीज का था।
दोपहर बाद कार्स्टन ने इंगा से पूछा कि क्या वह उनके साथ घूमने चलेंगी? इंगा राजी हो गईं। फिर अगले दिन कार्स्टन ने इंगा को पार्टी का न्योता दिया और मुहब्बत का सिलसिला चल पड़ा।’
ये भी पढ़े : करोना काल में जर्मनी : क्या हाल है अर्न्तराष्ट्रीय नागरिकों का

Back to top button