कोरोना के कहर के बीच आई एक और खतरनाक बीमारी, अब अफ्रीकी स्वाइन फ्लू बन सकता हैं…

पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में पिछले एक हफ्ते में 80 से ज्यादा सूअरों की मौत हो गई है। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है। आशंका है कि ये अफ्रीकी स्वाइन फ्लू (ASF) के फैलने की वजह से हो सकता है। मिजोरम का लुंगलेई जिला, बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है। पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक लालमिंथंगा ने कहा “हालांकि अभी सूअरों की मौत की वजह की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन आशंका है कि अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की वजह से इनकी मौत हुई हो।

इसकी वजह से लुंगसेन गांव में अब तक 87 सूअरों की मौत हो चुकी है और 40 लाख रुपये तक का नुकसान हुआ है। पहली मौत की सूचना 21 मार्च को मिली थी, जिसके बाद पशु चिकित्सा अधिकारियों को जांच के लिए गांव में भेजा गया। लिए गये सैंपल की ELISA और PCR टेस्ट से ये कंफर्म हो गया कि ये CSF (क्लासिकल स्वाइन फ्लू) या PRRS ( पोर्सिन रिप्रोडक्टिव एंड रेसिपिरेटरी सिंड्रोम) नहीं है। इसलिए इनके सैंपल को अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की पुष्टि के लिए मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD) भेजा गया है।

वैसे सरकार ने एहतियातन पूरे राज्य में ASF के लिए अलर्ट जारी कर दिया है और लुंगसेन गांव को संक्रमित क्षेत्र घोषित करते हुए 2 अप्रैल से ही धारा 144 लगा दी गई है। सोमवार को पशु चिकित्सा विभाग (रोग जांच और महामारी विज्ञान) के उपनिदेशक एम जोमिंगथांगी के नेतृत्व में एक जांच दल इस गांव में पहुंचेगा और पशुओं के टिशू और ब्लड सैंपल इकट्ठा करेगा।

पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक लालमिंथंगा के मुताबिक हो सकता है कि पड़ोसी राज्यों और बांग्लादेश से सूअरों और उनके मांस के आयात की वजह से ये बीमारी यहां पहुंची हो। आशंका की वजह ये है कि पहली मौत एक होटल के पास हुई थी और उस इलाके के होटलों में इस तरह के आयातित मांस की खूब बिक्री होती है।

मिजोरम में साल 2013, 2016, 2018 और 2020 में PRRS (पोर्सिन रिप्रोडक्टिव एंड रेसिपिरेटरी सिंड्रोम) की वजह से हजारों सूअरों की जान गई थी और इसकी वजह से 10.62 करोड़ का नुकसान हुआ था। लेकिन राज्य में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का अब तक कोई मामला नहीं मिला है।

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