कोरोना की नई लहर के बीच कुछ इस तरह हैं भारत के अलावा इन देशों के हाल…

कोरोना महामारी की नई लहर से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया त्रस्त है. दुनिया भर में इस खतरनाक वायरस से मौतों का सिलसिला जारी है. दुनिया में कोरोना से मौतों का आंकड़ा तीस लाख के पार पहुंच चुका है. ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका जैसे देशों में कोरोना के नए-नए वैरिएंट संक्रमण की लहर को और तेज कर रहे हैं. तबाही हर जगह एक जैसी है हालांकि आबादी कम होने के कारण इस हालात को संभालने के उनके तरीके अलग-अलग हैं. भारत में नए वैरिएंट, डबल म्यूटेंट वैरिएंट, नए स्ट्रेन के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना की इस नई लहर ने भारत के शहरों और ग्रामीण इलाकों में तबाही का वो मंजर दिखाया है जिसे संभालने में पूरा सिस्टम फेल होता हुआ दिख रहा है.

शहर-शहर केस बढ़ रहे हैं, मौतों का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है. अस्पतालों में कोई टेस्ट कराने के लिए मारामारी कर रहा है तो पॉजिटिव आ गए लोग अस्पतालों में बेड की शॉर्टेज, ऑक्सीजन सिलेंडर और जरूरी दवाइयों की कमी से जूझ रहे हैं. मौतों का सिलसिला इतना बड़ा है कि श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए भी शवों की कतारें लगी हुई हैं. इस हालात ने देश में बदइंतजामी और सिस्टम की तैयारियों की पोल खोल दी है. सरकारों की ओर से कोरोना कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन, एक दिन के कर्फ्यू आदि कई ऐलान किए जा रहे हैं लेकिन सरकारें टोटल लॉकडाउन के सख्त फैसले से बचती दिख रही हैं कि कहीं पिछली बार के लॉकडाउन जैसे अव्यवस्थित हालात न पैदा हो जाएं. यहां हम आपको बताएंगे कि कोरोना की नई लहर की कमोबेश इसी तरह के हालात से जूझ रहे यूरोप के देश और अमेरिका जैसे देश इस हालात से कैसे निपट रहे हैं?.

यूरोप के देशों जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली में भी कोरोना के केस इस लहर में बहुत तेजी से बढ़े हैं. ब्रिटेन में नए स्ट्रेन और अफ्रीकी कोरोना वैरिएंट ने एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है. भारत में अप्रैल के शुरुआत में केस तेजी से बढ़े लेकिन इन देशों में मार्च के दूसरे हिस्से से ही संकट की वापसी हो गई थी. इसके अलावा यूरोप के देशों में वैक्सीन सप्लाई को लेकर भी संकट चल रहा है जिससे वैक्सीनेशन को लेकर दिक्कतें हैं लेकिन इसके बावजूद यूरोपीय देशों की रणनीति कोरोना को लेकर काफी कारगर होती दिख रही है.

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