कोरोना आपदा : फेल रहा अमित शाह का गृह मंत्रालय !

राजीव तिवारी
दिल्ली में यूपी बिहार के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के भीड़ के रूप में आने के पीछे वही देशविरोधी ताकतें हैं जिन्होंने सीएए के समय मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर उन्हें भरमा कर मोदी सरकार की नीयत के खिलाफ भड़काया। नतीजा शाहीनबाग के रूप में और देश के अन्य हिस्सों में मुस्लिमों औरतों के सड़क पर आ जाने को पूरे देश ने देखा।
उन्हीं देश विरोधी ताकतों ने कोरोना जैसी भयावह महामारी के समय यूपी बिहार के अनपढ़ जाहिल अप्रवासी श्रमिकों के बीच जाकर उन्हें मोदी सरकार की नीयत को लेकर फिर भरमाया और भड़काया कि यहां पर कोरोना से पहले खाने के लिए मर जाओगे। पेट पालने के लिए अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर आने वाले ये लोग भूख से मरने की दहशत में आ गए और जान हथेली पर रखकर घरों से निकल पड़े।

इस पूरे मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय की घोर लापरवाही उजागर हुई है। गृह मंत्री अमित शाह एंड कंपनी #कोरोना के बहाने ही सही शाहीनबाग को खाली कराने में मिली सफलता के लिए अपनी पीठ खुद ही थपथपाने में लगी थी।

क्या आपने ध्यान दिया कि अमित शाह का कोरोना जैसे संवेदनशील प्रकरण में कोई बयान क्यों नहीं आया। क्योंकि वो इसी बात को लेकर मुतमईन हो गए कि चलो शाहीनबाग खाली करा लिया।
गृह मंत्रालय के अधीन खुफिया महकमा क्या कर रहा था। क्यों शाहीनबाग के पीछे देशविरोधी ताकतों का हाथ होने का राग अलापने वाला महकमा इन ताकतों को लेकर लापरवाह हो गया कि इन्हें स्ट्रेटजी बदलकर कोरोना के बहाने यूपी, बिहार के अप्रवासी मजदूरों के बीच जाने की भनक तक न लगी।

होना चाहिए था कि दिल्ली दंगों के दौरान हुई धरपकड़ में इन देशविरोधी ताकतों का सर पूरी तरह कुचला जाता। जैसा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करने की कोशिश की। मगर अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि यहां पर अदूरदर्शी गृहमंत्री अमित शाह को हिंदू मुसलमान एंगल नजर ही नहीं आया जिसके वो एक्सपर्ट हैं।

कहने में कोई संकोच नहीं कि अमित शाह की अदूरदर्शिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सब किये कराये पर पानी फेर दिया। मोदी सरकार पार्ट टू के गृहमंत्री अमित शाह इतिहास में कश्मीर से #धारा३७० हटाने, #सीएए लागू करने और #कोरोना महामारी के समय दिल्ली में खुफिया मोर्चे पर बुरी तरह फेल होने के लिए इतिहास में याद किए जाएंगे।
(डिस्क्लेमर : लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Jubilee Post उत्तरदायी नहीं है।)

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