कोई भी ‘हुक्म’ नहीं दे सकता कि हमें क्या करना चाहिए: शी चिनफिंग

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को चीन के “सुधारों और खुलेपन” की नीतियों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई. हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कोई भी यह “हुक्म” नहीं दे सकता है कि हमें क्या करना चाहिये. शी ने चीन के सुधार एवं खुलेपन की नीति की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर यह बात कही.

चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग ने दिवंगत चीनी नेता देंग शियोपिंग के कार्यकाल में दिसंबर 1978 में शुरू किये गये आर्थिक सुधारों को और आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है. साथ ही शी ने संकेत दिया कि एक दलीय प्रणाली में बदलाव नहीं होगा. चिनफिंग ने कहा, “चीन की सरजमीं पर समाजवाद का झंडा हमेशा लहराता रहा है.” चीन के राष्ट्रपति की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब उसका व्यापार और राजनयिक मोर्चे पर अमेरिका के साथ विवाद चल रहा है.

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कोई भी इस स्थिति में नहीं है कि वो चीन के लोगों को निर्देश देशी ने कहा कि कोई भी इस स्थिति में नहीं है कि वो चीन के लोगों को निर्देश दे सके कि क्या किया जाना चाहिये या क्या नहीं किया जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि हमें दृढ़ता से विचार करना चाहिये क्या सुधार किये जाने चाहिये और क्या किये जा सकते हैं.

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