कृष्ण की धरती पर ‘राम’ के लिए लड़ने पहुंचे श्रीश्री रविशंकर
पूछने पर संत सेवकशरण ने कहा कि आज श्रीश्री रविशंकर यहां आध्यात्मिक समारोह में भाग लेने आए थे। उन्होंने कहा कि वृंदावन निकुंज उपासना की भूमि है और श्रीश्री यहां इसी दिव्य रस की अनुभूति करने वृंदावन की धरा पर आए थे। वे अपने अध्यात्मिक प्रचारों में वृंदावन के दिव्य रस की चेतना को विश्व स्तर पर फैलाने का प्रण लेकर गए हैं।
उन्होंने इस पर भी असहमति जताई कि मध्यस्थता करने के पीछे वे सरकार के एजेंट के तौर पर भूमिका निभा रहे हैं। स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी मध्यस्थता इस मामले में सकारात्मक अंजाम तक पहुंचेगी।
पक्षकारों से वार्ता करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि पक्षकार आपसी सहमति से मंदिर मामले में निर्णायक हल तक पहुंच सकेंगे। आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू द्वारा मोदी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन की सराहना करने के सवाल पर श्री श्री रविशंकर ने कहा कि उन्हें अपने विचार अभिव्यक्त करने का अधिकार है।
अनुयायियों को दिया ये संदेश
इससे पूर्व श्रीश्री रविशंकर ने अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रज और वृंदावन रस की भूमि है। यहां तप और रस का संगम है। रसिक संतों की इस भूमि पर आए सभी भक्तों का मंगलमय हो मैं ठाकुरजी से प्रार्थना करता हूं। इस रस भूमि श्री धाम वृंदावन में आए श्रद्धालु यहां आनंद लें।
इसके बाद भजन गायक विनोद अग्रवाल और धीरज बावरा ने राधा वल्लभीय हित हरिवंश संप्रदाय के पदों का गायन कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। गायक जेएसआर मधुकर ने जय जय राधा वल्लभ श्रीहरिवंश, श्री वृंदावन श्रीवंशचंद भजन सुनाया। इससे पूर्व श्रीश्री रविशंकर के लता भवन में उनके अनुयायियों ने पुष्प वर्षा कर व आरती उतारकर स्वागत किया।