कुछ ऐसे थे हमारे ऋषि जी

ग्रुशा कपूर

2007 में पापा की फिल्म चिंटू जी में ऋषि जी के साथ काम करने का सौभाग्य मिला था, ऋषि जी के साथ इसमें सभी कलाकार एनएसडी और थियेटर से थे, जैसे डॉ. अनिल रस्तोगी ,पंकज त्रिपाठी, सौरभ शुक्ला, महेंद्र मेवाती, अनु कपूर, अतमजीत सिंह, बंधु जी, ऋषि जी पैकअप के बाद शाम को सबके साथ बैठ गप्पे लगाते, अपने किस्से सुनाते।

पापा से हमेशा कहते ‘रंजीत बाबू मैं आप सब की तरह ट्रेंड एक्टर नहीं हूं, पर आप मुझे और पंकज कपूर को लेकर फिल्म बनाइये ,मैं बराबर की टक्कर दूंगा।’ हम सब ऋषि जी से सम्मोहित होकर उनकी बातें सुनते, वो कभी सेट पर खुद ही क्राउड मैनेज करने लगते।

एक शाम देर तक शूटिंग चलती रही, अक्टूबर की बात है। ऋषि जी रात को शूट नहीं करते थे लेकिन परिस्थिति को समझते हुए कहा ‘एनीथिंग फॉर यू रंजीत बाबू’ । पापा आत्मग्लानि से विवश थे, ऋषि जी से कहा की यदि वो चाहें तो थोड़ी सी ड्रिंक लेलें क्योंकि ठंड बहुत है। इस पर तपाक से ऋषि जी बोले ‘जब तक आप पैकअप नहीं बोलेंगे मैं शराब को हाथ भी नहीं लगाऊंगा ,आप सुबह तक निश्चिंत होकर शूटिंग कीजिये।

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मुझे कहते ग्रुसा तुम बहुत चुप रहती हो सेट पर, मैंने कहा सर मेरी बिसात नहीं की आपके सामने मुंह खोलूूं। मैं तो बस मंत्र मुग्ध होकर आपकों आव्जर्ब करती रहती हूं, ये सुनकर मुस्कुरा दिये।

चिंटु जी फिल्म जब बन कर तैयार हो गयी तब ट्रायल पर फिल्म देखने के बाद ऋषि जी भाव विभोर हो गये। बोले रंजीत बाबू ये फिल्म इतनी ख़ूबसूरत बनी है की मैं इसे अपनी पिता की स्मृति में डेडीकेट करना चाहता हूं। इसलिये फिल्म की शुरुआत में सुपर आता है की ये फिल्म ‘मेरे पिता श्री राज कपूर को समर्पित है’। ये एकमात्र फिल्म है जो उन्होंने अपने पिता श्री राज कपूर को समर्पित की।

फिर कुछ साल पहले अचानक पापा को उनका फोन आया। बोले- रंजीत बाबू आप नयी फिल्म बना रहे हैं और मुझे खबर तक नहीं। पापा ने झेंपते हुए सच्चाई बतायी की इस फिल्म में आपके केलिबर का रोल नहीं है। तपाक से बोले ‘आप अगर एक सीन के लिये भी मुझे बुलाऐंगे तो भी मैं आऊंगा और वो भी बिना किसी फीस के। बोले आप जानते नहीं रंजीत बाबू पर मैं आपसे बहुत मोहब्बत करता हूं।

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ऋषि जी मेरे पति बिक्रम से बहुत मुतास्सिर थे, बिक्रम, चिंटू जी की स्क्रिप्ट का हिस्सा थे और पहली बार पापा के साथ आरके ऑफिस में जाकर बिक्रम और पापा ने उन्हें साझा नैरेशन दिया था। ऋषि जी मुझसे हमेशा बिक्रम की खैरियत पूछते, जब उन्हें पता चला की हमारा बेटा भी 28 सितंबर को पैदा हुआ है तो तुरंत मुबारकबाद भेजी और साथ ही ये भी बताया की रणबीर का बर्थडे भी उसी दिन होता है, हर तीज त्योहार पर संदेश का आदान प्रदान होता था हमारा।

आज हिमाचल में बिताये वो 40 दिन मुझे बहुत याद आ रहे हैं।  ऋषि जी एक बहुत ही ईमानदार कलाकार थे। एक बहुत ही प्यारे इंसान, प्रोफेशनल टू द कोर और अत्यंत सहज, बस इस बार खुद पैकअप अनाउंस कर के चल दिये। ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें ।

(ग्रुशा कपूर फिल्मों और टेलीविजन की मशहूर एक्ट्रेस हैं)

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