अभी अभी: किसानों की कर्जमाफी को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, जान उछल पड़ेंगे आप

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि लघु और सीमान्त किसानों की कृषि कर्जमाफी जल्द किए जाने के साथ ही कृषकों की आमदनी 2022 तक हरहाल में दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य के कृषि मंत्री एस.पी. शाही ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दो गुनी करने का लक्ष्य है। इसलिए इस दिशा में कार्य किया जाए।

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किसानों की कर्जमाफी

किसानों की कर्जमाफी पर यूपी सरकार जल्द लेगी बड़ा फैसला

उन्होंने कहा कि कृषि लागत को कम करने के उपायों पर कार्य किया जाए तथा प्रदेश में कृषि का औसत उत्पादन बढ़ाया जाए। सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ किसानों को मिलना चाहिए। किसी भी दशा में खाद एवं बीज की कमी नहीं होनी चाहिए। शाही कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा प्रदेश के पांचों कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि का विविधिकरण किया जाए। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड में जिन किसानों की फसल नष्ट हो गई थी, उन्हें 28 मार्च को 46 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है।

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उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 2000 तालाब बनाने की योजना है जिससे किसानों को कृषि कार्यों के लिए समुचित पानी मिल सके। उन्होंने कहा कि किसानों को सोलर पम्प देने की योजना का भी विस्तार किया जाए। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी पर शीर्घ निर्णय लिया जाएगा। कृषि विश्वविद्यालयों में होने वाले अपव्यय एवं भ्रष्टाचार पर रोक लागाई जाए। कृषि विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों में अच्छे गुणों एवं संस्कारों को विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग की जाए तथा इन्हें सेन्टर आफ एक्सलेन्स के रूप में विकसित किया जाए।

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शाही ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय किसानों के हित में कार्य करते हुए अधिक अनाज उत्पादन के लिए अधिक उपज देने वाले बीजों को विकसित करें। कालेजों में होने वाले निर्माण कार्यों की नियमित जांच की जाए। इसकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। बैठक में बताया गया कि पांच कृषि विश्वविद्यालयों के छात्रों की प्रवेश परीक्षा का आयोजन मेरठ कृषि विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा इस वर्ष कराया जाएगा। विश्वविद्यालय अपने-अपने आय के स्रोतों में बढ़ोत्तरी करें, जिससे सरकार पर निर्भरता कम हो सके।

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