कांग्रेस पार्टी के विधायक प्याज की माला पहनकर महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे और कीमतों में.. 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक मंगलवार को सिर पर प्याज रखकर और प्याज की माला पहनकर महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे और कीमतों में गिरावट के बीच प्याज की उचित कीमत की मांग की। फिलहाल प्याज के दाम को लेकर अब राजनीति शुरु हो गयी है।

 राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक मंगलवार को सिर पर प्याज रखकर और प्याज की माला पहनकर महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे और कीमतों में गिरावट के बीच प्याज की उचित कीमत की मांग की।गले में प्याज की माला और सर पर प्याज की टोकरी लेकर एनसीपी विधायकों ने सरकार का विरोध करते हुए उचित मूल्य की मांग कर रहे हैं। नेता एक दूसरे को प्याज की माला पहनाते हुए देखा जा रहा है।

इससे पहले सोमवार को प्याज के कम थोक मूल्य के कारण किसानों ने सिक के लासलगांव कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में नीलामी रोक दी थी।

प्याज के दाम को लेकर शुरू हुई राजनीति

फ़िलहाल प्याज के दाम को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार को लेकर विपक्षी दल हमलावर हो गए हैं। इसी क्रम में NCP विधायक (NCP MLA) सिर पर प्याज लेकर महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) पहुंचे हैं। वे प्याज के उचित मूल्य की मांग कर रहे हैं।

प्याज की फसल की भारी पैदावार के कारण अन्य राज्यों में भी इसकी कीमतों में गिरावट आ रही है।

बता दें कि प्याज की लगातार गिरती कीमतों से निराश किसानों ने मंडी में प्याज की बिक्री रोक दी है। महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पादन बाजार समिति में नाराज किसानों ने प्याज की नीलामी रोकने का फैसला किया है। बता दें कि एशिया के सबसे बड़े प्याज बाजार लासलगांव एपीएमसी में प्याज की कीमतें हाल के दिनों में दो से चार रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गईं हैं। इससे प्याज उत्पादकों में नाराजगी बढ़ी है। महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पादन बाजार समिति में नाराज किसानों ने प्याज की नीलामी रोकने का फैसला किया है।

वहीं एक किसान, जो साइट पर विरोध कर रहा था उसने कहा कि उन्हें प्याज उगाने के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ की लागत आती है, जबकि वे नीलामी में बेची गई उपज के लिए केवल 10,000 रुपये से 20,000 रुपये कमाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बात सामने आ गई है कि किसान अब आत्महत्या पर विचार कर रहे हैं क्योंकि यही उन्हें अब बेहतर विकल्प लग रहा है। किसान ने कहा कि मोदी सरकार को किसानों की मदद के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए।

मालूम हो कि महाराष्ट्र में प्याज मुख्य फसल है और यह देश के कुल मुख्य सब्जी उत्पादन का 35 से 40 प्रतिशत हिस्सा है।

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