कर्नाटक चुनाव के परिणाम पर ही तय होगा बसपा-सपा का गठबंधन
जेडीएस अभी तक कह रही है कि वह दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों भाजपा और कांग्रेस को कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए समर्थन नहीं देगी। वहीं रिपोर्ट्स का कहना है कि कांग्रेस जेडीएस का समर्थन ले सकती है। जेडीएस और कांग्रेस के साथ आने की परिस्थिति में वह एक दलित को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि मायावती एक बार भाजपा के समर्थन से यूपी में मुख्यमंत्री बन चुकी हैं और तभी से दोनों पार्टियों के संबंध खराब हो गए हैं। उस दौरान चीनी मिल को बेचने में हुई कथित अनियमितताओं की वजह से वह सीबीआई जांच के दायरे में हैं। ऐसे में लगता नहीं है कि वह भाजपा-जेडीएस गठबंधन को स्वीकृति देंगी।
सपा एमएलसी उदयवीर सिंह का कहना है कि बसपा को कर्नाटक में कोई ना कोई कदम उठाना पड़ेगा। वर्तमान में सपा-बसपा के गठबंधन का 2019 लोकसभा चुनाव तक जारी ना रहने का कोई कारण नहीं हैं। सिंह वही शख्स हैं जिन्होंने फूलपुर और गोरखपुर उप-चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन करवाने में अहम भूमिका निभाई थी।