कर्तव्यों के निर्वहन की प्रेरणा देते हैं श्रीराम: डॉ चन्द्रेश
सिद्धार्थनगर। हमारे पौराणिक ग्रंथ सिर्फ़ कथायें ही नही हैं। यह हमारी सनातन परम्परा की उत्कृष्ता के साक्षात प्रमाण है।जिस प्रकार का आचरण भगवान श्रीराम ने अपने जीवन के कठिनतम समय मे भी किया।सदैव अपने कर्तव्यों को अपनी आकाँक्षाओं से ऊपर रखा।वह स्वयं मे समाज के लिये अनुकरणीय है और सदैव रहेगा। उक्त बातें भाजपा नेता डॉ.चंद्रेश उपाध्याय ने शोहरतगढ़ विधान सभा क्षेत्र के गौहनिया एवँ राम जानकी मंदिर पर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दौरान उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि राष्ट्रप्रेम की शिक्षा हमे अपने इन्ही महापुरुषों और ग्रंथों से मिलती हैं।आज भी हमारे ग्रंथ हमारा राष्ट्रीय चरित्र कैसा हो?यह बताने मे न ही सिर्फ़ सक्षम हैं बल्कि सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक हैं।आज कुछ लोग दुष्प्रचार के माध्यम से आधुनिकता का आवरण ओढ कर हमारी संस्कृति और आस्था के ऊपर प्रहार करने का प्रयास कर पा रहे हैं। हम सभी का दायित्व है कि हम युवाओं और समाज के सभी आयु वर्गों विशेषकर युवाओं को उनकी आध्यात्मिक पूंजी से परिचित करवाएं।समाज के हर वर्ग मे आध्यात्मिक चिंतन के कार्यक्रमों और शिविरों का आयोजन किया जाय।जहाँ राष्ट्र की उन्नति और आध्यात्मिक चिंतन शिविरों का आयोजन समग्र समाज की सहभागिता से हो।