कजरी तीज आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भादो मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 29 अगस्त, बुधवार को है। कजरी तीज में महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और रक्षा के लिए इस व्रत को रखती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था। इसलिए महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत महत्व रखता है।कजरी तीज आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

यह त्योहार उत्तर प्रदेश, राजस्थान  और मध्य प्रदेश राज्यों में प्रमुखता से मनाया जाता है। इस व्रत में  महिलाएं पूरे दिन उपवास रखकर अपने पति की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं। इस दिन विशेष रूप से गाय माता की पूजा की जाती है।  इस दिन सुहागिन महिलाएं और कन्याएं एक साथ कजरी गीत गाती है और गीत संगीत का कार्यक्रम करती हैं।

पौराणिक महत्व
माता पार्वती भगवान शिव से विवाह करना चाहती थी इसके लिए उन्होनें 108 साल तक कठोर तपस्या की थी और भवगाव शिव को प्रसन्न किया था। शिवजी ने पार्वती से खुश होकर इसी तीज के दिन अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा करते हैं।

पूजा विधि
इस दिन नीम की पूजा की जाती है। कन्याएं व सुहागिनें व्रत रखकर संध्या को नीम की पूजा करती हैं। कन्याएं सुन्दर,सुशील वर तथा सुहागिनें पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। वे तीज माता की कथा सुनती हैं। मन्दिरों में देवों के दर्शन करती हैं। इसके बाद व्रत तोड़ती है। कजरी तीज पर नीमड़ी माता की पूजा की जाती है। पूजन से पहले मिट्टी व गोबर से दीवार के सहारे एक तालाब जैसी आकृति बनाई जाती है और उसके पास नीम की टहनी को रोप देते हैं। फिर किनारे पर एक दीया जलाकर रखते हैं।

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