कई वर्षों बाद साफ हवा में सांस ले रहा भारत, AQI में दिखा जबरदस्त सुधार

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान पूरे देश की चिंता भले कोविड- 19 वायरस की रोकथाम पर है, लेकिन इस लॉकडाउन का असर हवा की गुणवत्ता पर भी पड़ा है। पिछले कई सालों में हवा के आंकड़ें देखें तो शनिवार को भारत में कई शहरों की हवा का स्तर सबसे स्वच्छ पर था। अगर पिछले एक दशक में नहीं तो भी बीते कई सालों में यह सबसे शानदार है और अब हम ये कह सकते हैं कि भारत कई वर्ष बाद स्वच्छ हवा में सांस ले रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों की मानें तो शनिवार के दिन 101 में 35 शहरों में हवा का औसत स्तर ‘गुड’ कैटेगरी पर था। विशेषज्ञ भारत की इस स्थिति को ‘अभूतपूर्व’ और ‘अविश्वसनीय’ करार दे रहे हैं। ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई। खासतौर से साल 2014 से जब से नैशनल एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को लॉन्च किया गया था।
भारतीय शहरों में हवा की गुणवत्ता का स्तर अच्छा होते चले जाने के पीछे वजह साफ है कि बीते चार दिनों से देश भर में लॉकडाउन है। मीडिया ने पिछले 14 दिनों में 8 बड़े शहरों के एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) डाटा का अध्ययन किया है और पाया कि पिछले रविवार से यानी जनता कर्फ्यू के दिन से ही प्रदूषण के स्तर में आया यह बदलाव हैरानी भरा है।
बता दें कि बीते चार दिनों से समूचा देश लॉकडाउन में है और पूरे देश का फोकस इसी बात पर है कि कैसे भी घातक कोविड- 19 वायरस को फैलने से रोक दिया जाए। बहरहाल लॉकडाउन की इस स्थिति में हवा में भी अभूतपूर्व बदलाव आया है। वजह साफ है क्योंकि लॉकडाउन के दौरान न तो सड़क पर ट्रैफिक है, न ही निर्माण के काम हो रहे हैं और न ही कोई औद्योगित गतिविध। शनिवार को भारत में हवा की गुणवत्ता बेहद शानदार स्तर पर दर्ज की गई।
शनिवार को बारिश की बौछारों के बाद दिल्ली ने अपना सर्वश्रेष्ठ 45 के स्तर पर AQI दर्ज किया। यह पहली बार है, जब राजधानी ने मानसून से अलग समय में अपना AQI ‘गुड’ श्रेणी में दर्ज किया है। सीपीसीबी की एयर लैब के पूर्व हेड दीपांकर साहा कहते हैं कि जब से एयर क्वॉलिटी इंडेक्स लॉन्च हुआ है तब से दिल्ली ने कभी भी इस श्रेणी पर AQI इंडेक्स नहीं देखा है। इस महीने में दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का स्तर ‘गुड’ होना बिल्कुल अनसुना सा है।

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