एहसान मनि ने कहा- अब आपसी सहमति से नहीं सुलझ सकता BCCI से मुआवजा विवाद
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का द्विपक्षीय सीरीज को लेकर चल रहा विवाद अब ‘आपसी सहमति’ से हल नहीं हो सकता. यह इसके दायरे से बाहर निकल चुका है. दोनों बोर्ड अभी तक कोई समाधान नहीं निकाल पाए हैं. पीसीबी अध्यक्ष एहसान मनि ने यह बात कही. मनि को इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद पीसीबी का अध्यक्ष चुना गया है.
447 करोड़ रुपए के मुआवजे का दावा
पीसीबी ने बीसीसीआई के खिलाफ दोनों देशों के बीच हुए करार (एमओयू) का सम्मान नहीं करने के आरोप में 447 करोड़ रुपए के मुआवजे का दावा किया है. उसका कहना है कि भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड ने 2015 से 2023 तक छह द्विपक्षीय सीरीज खेलने का करार किया था. आईसीसी विवाद निवारण समिति इस मामले की एक से तीन अक्टूबर तक दुबई में सुनवाई करेगी.
अंतिम चरण में है विवाद, फैसला कभी भी संभव
मनि ने दुबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘यह प्रक्रिया आपसी सहमति से समाधान करने के दायरे से पहले ही बाहर निकल चुकी है. यह किसी परिणाम पर पहुंचने के अंतिम चरण में है. फैसला कभी भी संभव है. दोनों पक्षों को भविष्य के लिए कोई समाधान ढूंढ़ना होगा और मैं खेल की खातिर हर संभावना पर प्रयास करूंगा. जब यह विवाद हुआ था तब अगर मैं इसमें शामिल होता तो फिर इसे द्विपक्षीय आधार पर सुलझाने के सभी प्रयास किए जाते.’
हम जहां पहले खड़े थे, अब भी वहीं हैं
आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘दुर्भाग्य से हम जहां थे अब भी वहीं हैं. हमें अब भी प्रगति करनी है लेकिन मेरे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं.’ बीसीसीआई पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह भारत सरकार से हरी झंडी मिले बिना पाकिस्तान से नहीं खेल सकता है.
क्रिकेट और राजनीति को आपस में नहीं मिलाना चाहिए
मनि ने बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और सीईओ राहुल जौहरी से एशिया कप के दौरान बातचीत की. मनि ने कहा, ‘मेरी यहां भारत के अपने साथियों के साथ रचनात्मक चर्चा हुई. हमें कई चीजों पर आगे बढ़ने की जरूरत है. हम सभी जानते हैं कि जो पूर्व में हुआ, वह बीती हुई बात है. हमें आगे बढ़ना होगा. आखिर में खेल किसी भी व्यक्ति से बड़ा है. यह राजनीतिज्ञों से बड़ा है. इसकी वैश्विक पहुंच है. इसलिए क्रिकेट और राजनीति को आपस में नहीं मिलाना चाहिए.’