सौंफ
ज्यादातर लोग सौंफ को एक अच्छे माउथ फ्रेशनर की तरह इस्तेमाल करते हैं लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसमें मौजूद फ्लेवोनॉयड और प्लामेटिक एसिड की वजह से ये एक बेहतरीन एंटी-अल्सर भी है। जब कभी आपको एसीडिटी जैसा कुछ महसूस हो तो रात को थोड़ी सी सौंफ पानी में डालकर रख दें। इसके बाद अगली सुबह इस पानी को पिए लें। ऐसा करने से एसीडिटी में राहत मिलती है।
लौंग
रसोई के मसालों में से एक लौंग भी एसीडिटी की छुट्टी करने का एक बेहतरीन तरीका है। लौंग खाने से जो लार बनती है वो खाना हजम करने में मददगार होती है। जब कभी एसीडिटी महसूस हो तो कुछ लौंग मुंह में डालकर हल्के-हल्के से चबाएं। ऐसा करने से कुछ ही देर में आराम आ जाएगा।
इलायची
इलायची की तासीर ठंडी होती है इसलिए एसीडिटी के समय ये राहत दिलाती है। इस समस्या से राहत पाने के लिए दो या तीन इलाइची को पीसकर पानी में उबाल लें। ठंडा होने के बाद इस पानी को पीएं, जल्द राहत मिलेगी।
पुदीना
पुदीना एसीडिटी के लिए एक रामबाण दवा है। इससे पेट संबंधी हर बीमारी में आराम मिलता है। ये एसीडिटी से निजात दिलाकर पेट में ठंडक का अहसास करवाता है।
तुलसी
तुलसी भले ही आपकी रसोई का हिस्सा न हो लेकिन आपके घर के आंगन का एक अहम हिस्सा जरूरी होती है।खास बात यह है कि इसके पत्ते एसीडिटी से तुरंत राहत पहुंचाते हैं।इसके पत्ते पेट में एसिड के प्रभाव को कम करके पेट में गैस को बनने से रोकते हैं।इसके लिए खाना खाने के बाद तुलसी के पत्ते चबाएं।ऐसा करने से एसीडिटी झट से दूर होगी।