एसबीआई, एलआईसी और बैंक ऑफ बड़ौदा पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना, जानें कारण…

सार्वजनिक क्षेत्र के तीन वित्तीय संस्थान एसबीआई, एलआईसी और बैंक ऑफ बड़ौदा पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. ये जुर्माना शेयर मार्केट को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी ने लगाया है.

क्या है पूरा मामलादरअसल, सेबी ने अपनी जांच में पाया कि एसबीआई, एलआईसी और बैंक ऑफ बड़ौदा क्रमश: एसबीआई म्यूचुअल फंड, एलआईसी म्यूचुअल फंड और बड़ौदा म्यूचुअल फंड के प्रायोजक हैं. इनके पास इन म्यूचुअल फंड में 10-10 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है.

इसके अलावा एलआईसी, एसबीआई और बीओबी यूटीआई एएमसी के भी प्रायोजक हैं. इनके पास संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) और यूटीआई एमएफ की न्यासी कंपनी में अलग से 10-10 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है. सेबी ने कहा कि यह म्यूचुअल फंड नियमों के अनुरूप नहीं है.

2018 में बदला था नियम

आपको बता दें कि सेबी ने मार्च, 2018 में म्यूचुअल फंड नियमनों में संशोधन किया था. इसके तहत किसी एएमसी में अगर शेयरधारक या प्रायोजक की कम से कम 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी है तो वह देश में परिचालन कर रहे किसी अन्य म्यूचुअल फंड में 10 प्रतिशत या उससे अधिक की हिस्सेदारी नहीं रख सकता.

मार्च 2019 तक का था समय

सेबी के मुताबिक, एसबीआई, एलआईसी और बैंक ऑफ बड़ौदा ने इस अनिवार्यता को मार्च, 2019 तक दिए गए समय में पूरा नहीं किया. हालांकि, इन इकाइयों ने बताया कि यूटीआई एएमसी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए आईपीओ की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और यूटीआई ट्रस्टी कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इन इकाइयों ने कहा है कि यूटीआई एएमसी का आईपीओ सितंबर अंत तक पूरा होगा.

इस बीच, जीपी गर्ग ने सेबी में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यभार संभाल लिया है. सेबी ने एक बयान में इसकी जानकारी दी है. जीपी गर्ग ने जनवरी 1994 में सेबी से जुड़ने के बाद कई महत्वपूर्ण कार्यभार संभाले हैं. गर्ग ने इंजीनियरिंग, कानून और प्रबंधन की पढ़ाई की है.

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