शारदीय नवरात्र इस बार मंगलवार 13 अक्टूबर 2015 से शुरू हो रहे हैं, जो माता के भक्तों के लिए सुख-समृद्धि लेकर आएंगे। श्राद्ध पक्ष की तिथि क्षय होना एवं नवरात्र की तिथि में वृद्धि होना सुख-समृद्धि का संकेत है।
पंडित राजकुमार चतुर्वेेदी के अनुसार नवरात्र मंगलवार को चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग में शुरू हो रहे हैं। इसके कारण इस बार प्रात: काल घट स्थापना का मुहूर्त नहीं है। इस बार घट स्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त प्रात: 11.51 से 12.37 बजे तक रहेगा।
इस बार दो प्रतिपदा होने 13-14 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि रहेगी, वही दुर्गाष्टमी 21 को मनाई जाएगी तथा अगले दिन नवमी एवं दशहरा एक ही दिन मनाए जाएंगे। इस बार महानवमी श्रवण नक्षत्रयुक्त होने से विजय दशमी पर्व भी इसी दिन मनाया जाएगा। यह पर्व श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है और इस बार यह नक्षत्र नवमी के दिन पड़ रहा है। इसके कारण विजय दशमी 22 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।
नवरात्र में 19 अक्टूबर को सूर्य संक्रांति का पुण्यकाल पड़ रहा है। इस दिन सूर्य अपनी नीच राशि तुला में प्रवेश कर रहा है।