एआईएडीएमके ने शशिकला को चुना अपना अगला पार्टी प्रमुख

आखिरकार एआईएडीएमके ने शशिकला को अपना अगला पार्टी प्रमुख चुन लिया है। गुरुवार को हुई पार्टी की बैठक में शशिकला को सर्वसम्‍मति से पार्टी का महासचिव चुन लिया गया है। इस बैठक में मुख्‍यमंत्री पन्‍नीरसेल्‍वम के अलावा सभी पदाधिकारी शामिल हुए जिसमें 14 प्रस्‍तावों पर सहमति बनी।

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शशिकला को पार्टी प्रमुख बनाने के अलावा बैठक में जो प्रस्‍तवा आए उनमें जयललिता के जन्‍मदिन को राष्‍ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाने की मांग के अलावा उन्‍हें मेगसेसे और नोबल पुरस्‍कार की मांग के प्रस्‍ताव भी पेश हुए। बता दें कि पिछले कई दिनों से यह साफ हो चुका था कि जयललिता के बाद शशिकला को ही पार्टी का महासचिव बनाया जाएगा।

फर्श से अर्श तक ऐसा रहा शशिकला का सफर

शशिकला की जयललिता से पहली मुलाकात तब हुई थी जब जयललिता भी फिल्‍में से राजनीति में कदम रख रहीं थी। 1980 के दशक में शशिकला और जयललिता की मुलाकात हुई। उस समय वो पार्टी की प्रचार सचिव थीं। 1977 में एमजीआर ने वीएस चंद्रलेखा को राज्‍य की पहली महिला जिलाधिकारी नियुक्‍त किया। चंद्रलेखा को प्रचार की भूख थी और इसके लिए उन्‍होंने अपने लिए पीआरओ नियुक्‍त किया जो शशिकला के पति नटराजन थे।

नटराजन ने चंद्रलेखा को स्‍टार बना दिया और इसके चलते चंद्रलेखा की एमजीआर से नजदिकी बढ़ी। चंद्रलेखा को मदुराई ट्रांसफर किया गया जहां नटराजन और शशिकला भी आ गईं। यहां जयललिता की एक महिला रैली के दौरान एमजीआर ने शशिकला को उनका ध्‍यान रखने और रैली सफल बनाने का जिम्‍मा सौंपा।

रैली सफल रही और इसी के साथ जयललिता और शशिकला की जिंदगी का नया अध्‍याय भी। तब से लेकर अब तक शशिकला हमेशा ही जयललिता की भरासेमंद रहीं और आज उनकी जगह महासचिव चुनी गई हैं।

 

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